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जिले में डेंगू के दो नए केस मिले, संख्या बढ़कर 38 हुई

डेंगू को लेकर हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। सोमवार को डेंगू के दो नए मामले ओर सामने आए हैं। अब संख्या बढ़कर 38 हो गई है। 82 सैंपलों की रिपोर्ट मंगलवार को आएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:05 AM (IST)
जिले में डेंगू के दो नए केस मिले, संख्या बढ़कर 38 हुई
जिले में डेंगू के दो नए केस मिले, संख्या बढ़कर 38 हुई

जागरण संवाददाता, करनाल : डेंगू को लेकर हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। सोमवार को डेंगू के दो नए मामले ओर सामने आए हैं। अब संख्या बढ़कर 38 हो गई है। 82 सैंपलों की रिपोर्ट मंगलवार को आएगी। जिस प्रकार से अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं, जाहिर तौर पर डेंगू पाजीटिव का यह आंकड़ा बढ़ सकता है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। निजी अस्पतालों में हालात ऐसे हो गए हैं कि बैडों की संख्या कम पड़ने लगी है। यही नहीं-दस्त व बुखार के केस भी सामने आ रहे हैं। मौसम परिवर्तन के कारण भी ओपीडी की संख्या में इजाफा हुआ है। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में करीब तीन हजार व नागरिक अस्पताल में ओपीडी बढ़कर दो हजार के पार हो चुकी है।

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रोजाना हो रहे 70 से 75 एलाइजा टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय रोजाना 70 से 75 एलाइजा टेस्ट सरकारी लैब में किए जा रहे हैं। कुछ लोग प्राइवेट लैब से भी जांच करवा रहे हैं। अचानक बढ़े केसों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि बिना जांच के दवाईयां ना लें। सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क इलाज की व्यवस्था है, वहां से अपना इलाज करा सकते हैं।

अक्टूबर माह पर रहेगा विशेष नजर

सितंबर माह मानसून का आखिरी माह माना जाता है। मानसून विदाई के बाद मच्छरों की ब्रिडिग शुरू हो जाती है। ऐसे में अक्टूबर माह में डेंगू के केसों में इजाफ हो सकता है। लोगों ने यदि सावधानी नहीं बरती तो अक्टूबर में डेंगू के केसों का पीक आ सकता है।

जानिये.. यह हैं डेंगू मच्छर पैदा होने वाले संभावित ठिकाने

- फ्रिज की ट्रे में पानी एकत्रित होने की संभावना रहती है, जिसमें लार्वा हो सकता है।

- कूलर में कई दिनों तक पानी जमा होने से लार्वा पनप सकता है।

- पानी इस्तेमाल ना किया जाए तो पानी की टंकी में पनप सकते हैं।

- घरों में बरसात के कारण गमलों में जमा पानी से मच्छर पैदा हो सकते हैं

- निर्माणाधीन मकान में एकत्रित पानी से

क्या करें लोग

- घरों के आसपास गड्ढों को मिट्टी से भरवा दें।

- अपने कूलर, होदी या पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें।

- शरीर को ढककर रखे और मच्छर रोधी दवा या क्रीम व कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करें।

- पूरी बाजू के वस्त्र पहनें।

- छतों पर रखी पानी की टंकियों को ढक्कन लगाकर बंद रखें।

- बुखार आने पर डाक्टर की सलाह अवश्य लें।

यह ना करें

- अपने स्तर पर दवाईयां ना खाएं।

- बुखार आने पर अस्पताल जाकर जांच कराएं।

- ब्रुफिन दवाइयों का सेवन न करें।

- घरों के आसपास के गड्ढों में 7 दिन से ज्यादा पानी एकत्रित ना होने दें।

- पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे, पालीथिन के लिफाफे खुले में न फैंके, ताकि बरसात का पानी उनमें न भरे।

- हैंडपंप या नल के आस-पास पानी जमा न होने दें। टायर ट्यूब, खाली डिब्बे खुले में न छोड़ें। जिले में डेंगू के केसों की स्थिति

वर्ष डेंगू के केस

2010 72

2011 01

2012 14

2013 185

2014 03

2015 215

2016 23

2017 234

2018 106

2019 29

2020 93

2021 38

नोट : यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।

वर्जन

स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। अब तक जिले में 38 केस सामने आ चुके हैं। विभाग की तरफ से एंटी लार्वा एक्टिविटी चलाई जा रही है। लोगों से अपील है कि वह अपने आसपास पानी एकत्रित ना होने दें।

डा. योगेश शर्मा, सिविल सर्जन।


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