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देश के 20 किसान ब्रीड सेविअर अवार्ड से सम्मानित

राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधिता दिवस मनाया। मदुरई (तमिलनाडू) की गैर सरकारी संस्था सेवा के सहयोग से देश के विभिन्न राज्यों के बीस किसानों को पालतु पशु की नस्लों के संरक्षण में उनके प्रभावी योगदान के लिए ब्रीड सेविअर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 07:46 PM (IST)
देश के 20 किसान ब्रीड सेविअर अवार्ड से सम्मानित
देश के 20 किसान ब्रीड सेविअर अवार्ड से सम्मानित

जागरण संवाददाता, करनाल : राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधिता दिवस मनाया। मदुरई (तमिलनाडू) की गैर सरकारी संस्था सेवा के सहयोग से देश के विभिन्न राज्यों के बीस किसानों को पालतु पशु की नस्लों के संरक्षण में उनके प्रभावी योगदान के लिए ब्रीड सेविअर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

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सेवा संस्था प्रमुख विवेकानंदन ने कहा कि इस समय देश के पशुपालकों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। जिसमें पशु चारागाहों और जंगलों में पशुओं की चराई का अधिकार प्रमुख है। संस्थान के निदेशक डॉ. आर्जव शर्मा ने पशुधन विविधता, उसके वर्गीकरण, संरक्षण व सतत उपयोग पर जोर दिया।

मुख्य अतिथि एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ. आरएम आचार्य ने कहा कि भारत की विशाल पशु संपदा एवं विविधता के संरक्षण एवं सतत उपयोग में पशुपालकों का विशिष्ट योगदान है। इसलिए यह आवश्यक है कि पशुपालकों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाए और पशु उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जाएं।

अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधिता दिवस पर बढ़ता प्रदूषण व घटती जैव विविधिता विषय पर पोस्टर मे¨कग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। स्कूल वर्ग में प्रताप पब्लिक स्कूल की मुख्य शाखा व आदर्श पब्लिक स्कूल को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान मिला। इस अवसर पर ब्यूरो के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीके ¨सह व डॉ केएन राजा उपस्थित रहे।

इन्हें मिला पुरस्कार

किसान धन्ने ¨सह और हरिराम (राजस्थान) को मगरा भेंड, राजा व मुथुलक्ष्मी (तमिलनाडू) को मोलाई-आडू बकरी, ममता (कर्नाटक) को मल्नाद गिड्डा गोवंश, चिट्टों (तमिलनाडू) को कुन्द्रिकुदी कुट्टी गोवंश, जोराराम देवासी व सुमेर ¨सह भाटी (राजस्थान) को जैसलमेरी ऊंट, पिठुभाई भीमभाई बोरिचा व रमेश भाई घोनिया (गुजरात) को गिर गोवंश, हरि हर अय्यर (केरल) को वेचूर गोवंश, रमेशभाई जै¨सहभाई दव व चंदूभाई भलाला (गुजरात) को जाफराबादी भैंस, मुथूकृष्णन एवं मुनियासामी (तमिलनाडु) को पटनम भेड़, गो¨वद पाराजी ( महाराष्ट्र) को पंढरपुरी भैंस, बुपथभाई जाधवभाई (गुजरात) को हलारी गधे, सदानंदन (केरल) को अंबलाचेरी गोवंश, ओमप्रकाश कलोकर एवं गणपतराव डोले (महारा‌र्ष्ट ) को नागपुरी भैंस के संरक्षण हेतु यह सम्मान मिला।


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