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परखी से परख नहीं, कट्टों से गेहूं निकालकर किया जा रहा घोटाला

तरावड़ी के बाद परखी से गेहूं निकालने का दूसरा मामला असंध में सामने आया है। नमी की जांच के नाम पर परखी से बड़ी मात्रा में गेहूं निकाला जा रहा है। एक कट्टे से चार से पांच किलोग्राम तक गेहूं निकालकर उन्हें वापस स्टॉक में रखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 09:22 AM (IST)
परखी से परख नहीं, कट्टों से गेहूं निकालकर किया जा रहा घोटाला

संवाद सहयोगी, असंध : तरावड़ी के बाद परखी से गेहूं निकालने का दूसरा मामला असंध में सामने आया है। नमी की जांच के नाम पर परखी से बड़ी मात्रा में गेहूं निकाला जा रहा है। एक कट्टे से चार से पांच किलोग्राम तक गेहूं निकालकर उन्हें वापस स्टॉक में रखा जा रहा है। कस्बे के एक राइस मिल के समीप रखा गया यह स्टॉक खुले में पड़ा है। जब बरसात होगी तो उसको भीगने के लिए खुला छोड़ दिया जाएगा और ताकि बरसात में यह स्टॉक भीगकर वजन पूरा कर लेगा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में बड़े स्तर पर हो रही गड़बड़ी को लेकर जिम्मेदारी भी खामोश हैं।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों तरावड़ी मंडी में गेहूं चोरी की फोटो वायरल हुई थी। आरोप था कि कर्मचारी गेहूं चोरी कर रहा है। एक कर्मचारी परखी (बोरी से गेहूं निकालने का उपकरण ) लिए खड़ा है। इस मामले में इंस्पेक्टर समीर वशिष्ठ विवादों में आए थे। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि सैंपल लेने के लिए परखी का इस्तेमाल किया गया था। इसे रूटीन चेकिग बताई थी। इस प्रकार के दो बड़े मामले सामने आने के बाद लोगों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

मामले की जांच कर की जाएगी : एसडीएम

मामले में एसडीएम अनुराग ढालिया का कहा है कि ये दोनों मामले उनके संज्ञान में नही थे। अब दोनों मामलों की जांच की जाएगी। इनमें जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नमी को चेक करने के लिए मारी जाती है परखी

वहीं जब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर कपिल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो परखी मारी जाती है वह गेहूं की क्वालिटी व नमी को चेक करने के लिए मारी जाती है इससे ज्यादा कुछ नही है।

खरीद एजेंसियों को किए है नोटिस

इस मामले में मंडी सचिव कृष्ण धनखड़ का कहना है कि परखी वाले मामले में उनके विभाग के अधिकारी ही कोई ब्यान दे सकते है। खराब हुए गेहूं के मामले में हमने खरीद एजेंसियों को नोटिस दिया हुआ है ताकि जल्द से जल्द मंडी को खाली किया जा सके। हमारी जिम्मेदारी मंडी की है। मंडी से जाने के बाद क्या होता है उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है।

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