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चौपालों में बैठने वाले बुजुर्ग लॉक, हुक्के की गुड़गुड़ाहट हुई डाउन

चौपालों में बैठने वाले बुजुर्ग लॉक हुक्के की गुड़गुड़ाहट हुई डाउनचौपालों में बैठने वाले बुजुर्ग लॉक हुक्के की गुड़गुड़ाहट हुई डाउन

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 08:20 AM (IST)
चौपालों में बैठने वाले बुजुर्ग लॉक, हुक्के की गुड़गुड़ाहट हुई डाउन

दलसिंह मान, बल्ला

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कस्बे के मुख्य बाजार स्थित धरेड़ के नाम से प्रसिद्ध चौपाल कई नेताओं को लोकसभा व विधानसभा की दहलीज तक पहुंचाती रही है। हुक्के की गुड़गुड़ाहट और बुजुर्ग चौपालों की रौनक होते हैं, लेकिन कोरोना के डर ने चौपालों की रौनक ही छीन ली है। लॉकडाउन के दौरान चौपालों पर महफिल नहीं सजती।

असंध विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव सालवन तथा बल्ला की धरेड़ चौपाल के बारे में मशहूर है कि जिस नेता को यहां से आशीर्वाद मिल गया, वह विधानसभा तथा लोकसभा की दहलीज तक पहुंच गया। गांव निवासी रामकुमार शर्मा व राममेहर बताते हैं कि ऐसा समय कभी नहीं देखा। गांव की धौली चौपाल में जहां पंचों का हुक्का चौपाल की शान माना जाता है, लेकिन यहां अब अकेले बुजुर्ग हुक्का गुड़गुड़ा रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित न हो जाएं, इसके लिए सभी घर लॉक हैं। खेत जाना हो या जरूरी काम हो तो ही बाहर निकलते हैं वरना किसी बैठक या चौपाल पर नहीं जाते। कभी ताश की चौपड़ पर दिन भर व्यतीत करने वाले बुजुर्ग बैठक में अकेले टाइम बिता रहे हैं। न चौपड़ सजती और न मस्ती का माहौल

गांव की टिडान चौपाल शांत है। टाइम पास करने के लिए लोग घर के बाहर चबूतरे पर बैठ जाते हैं तथा यहीं अखबार पढ़कर देशदुनिया सहित जिले की जानकारी लेते हैं। सुल्तानियां भवन में बैठे गांव के सरपंच दिलावर सिंह बताते हैं कि शारीरिक दूरी का नियम तथा मास्क पहनना आदत में शामिल हो गया है। नगर खेड़े के पास बलराजा चौपाल भी लॉकडाउन के चलते सुनसान है। सुबह-शाम इक्का-दुक्का ग्रामीण ही चौपाल पर आते हैं। चौपाल पर गपशप का तरीका बदल गया है। अब शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोग चर्चा करते हैं। गांववासी सुनील बताते हैं कि पहले यहां ग्रामीण समूह बनाकर ताश खेलते थे, लेकिन वायरस ने रौनक छीन ली है। न ताश चौपड़ सजती है तथा न मस्ती का माहौल बनता है। शुक्रवार को चौपाल की बेंचों पर तीन बच्चे बैठे दिखे, जो शारीरिक दूरी का नियम बनाकर मोबाइल में गेम खेलने में लगे थे।


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