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12 दिन से लापता अनमोल गार्डन के मैनेजर का पानीपत नहर में मिला शव, पिता-पुत्र सहित चार लोगों पर हत्या का आरोप, केस दर्ज

करीब 12 दिन से लापता अनमोल गार्डन के मैनेजर सुनील सैनी का शव पानीपत नहर से बरामद होने के बाद परिवार में मातम पसर गया। मृतक के गले में तार बंधी मिली जिसके चलते स्वजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई। वहीं पुलिस ने पिता-पुत्र सहित चार आरोपितों के खिलाफ हत्या के आरोप में केस दर्ज कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 07:17 AM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 07:17 AM (IST)
12 दिन से लापता अनमोल गार्डन के मैनेजर का पानीपत नहर में मिला शव, पिता-पुत्र सहित चार लोगों पर हत्या का आरोप, केस दर्ज

जागरण संवाददाता, करनाल : करीब 12 दिन से लापता अनमोल गार्डन के मैनेजर सुनील सैनी का शव पानीपत नहर से बरामद होने के बाद परिवार में मातम पसर गया। मृतक के गले में तार बंधी मिली, जिसके चलते स्वजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई। वहीं पुलिस ने पिता-पुत्र सहित चार आरोपितों के खिलाफ हत्या के आरोप में केस दर्ज कर लिया।

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राजीवपुरम कालोनी वासी करीब 45 वर्षीय सुनील सैनी अनमोल गार्डन के मैनेजर थे। वह आठ अगस्त की रात करीब सवा नौ बजे लापता हो गए थे। स्वजन तलाश करने लगे लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने गुमशुदगी रपट दर्ज कर ली थी। पिता प्रेम चंद सैनी ने बताया था कि वह अनमोल गार्डन के लिए बेल पत्थर लेने के लिए गया था, जिसके बाद वापस नहीं लौटा।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उसी रात टी प्वाइंट फूसगढ़ के पास करीब एक बजे स्कूटी मिली तो पांच दिन बाद वहीं पर मोबाइल भी मिला। इसके बाद से ही उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हो गई थी। वह बार-बार पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाते रहे। एसपी गंगाराम पूनिया से लेकर आइजी ममता सिंह से भी मिले लेकिन पुलिस समय रहते कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। वीरवार देर रात उन्हें पानीपत नहर में शव की सूचना मिली, जिसके बाद मौके पर पहुंचे। सुनील के शव के गले में तारनुमा कुछ बंधा था। शव देख स्पष्ट था कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई है। शव का पोस्टमार्टम कराकर शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें सौंपा। सुनील की मौत से पूरे परिवार में मातम है। यह बताई जा रही वजह

मृतक के पिता प्रेम चंद ने पत्रकारों को बताया कि लापता होने से एक दिन पहले स्कूटी पर सवार सुनील की टक्कर एक बाइक से हो गई थी। बाइक सवार लोगों ने झगड़ा किया और उनके पड़ोसी को बुला लिया। अगले दिन पड़ोसी के बेटे से किसी ने मारपीट की, जिसके चलते उन्हें शक हुआ कि यह मारपीट उसके बेटे ने की है। आठ अगस्त की रात करीब सवा नौ बजे उसे पड़ोसी ने बुला लिया। उसने कहा कि पहले मिलकर आता है, जिसके बाद ही खाना खाएगा। उन्हें क्या पता था कि उसके साथ अनहोनी हो जाएगी। उन्हें पूरा शक है कि अपहरण कर सुनील की हत्या की गई है। उन्होंने पुलिस से आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

चार आरोपितों पर केस

सेक्टर 32 थाना एसएचओ जितेंद्र सिंह का कहना है कि पानीपत पुलिस ने वहीं पोस्टमार्टम करवाकर शव स्वजनों को सौंप दिया। स्वजनों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। सुनील के करीब 16 वर्षीय बेटा कार्तिक व 10 वर्षीय बेटी है। हम गुहार लगाते रहे, पुलिस गुमराह करती रही और चली गई सुनील की जान

मृतक के भाई अनिल ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे सेक्टर 12-33 एसएचओ से लेकर एसपी गंगा राम पूनिया और आइजी ममता सिंह से गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें सिर्फ भरोसा देकर गुमराह करती रही। पुलिस को पूरा वाक्या बताया तो सुनील का बरामद हुआ मोबाइल भी दे दिया गया, लेकिन पुलिस सामान्य गुमशुदगी मानते ही ढील बरतती रही। यहां तक कि आसपास के सीसीटीवी कैमरे तक जांच करने की जहमत नहीं उठाई। पुलिस उनकी गुहार को गंभीरता से लेती तो शायद आज उनका भाई जिदा होता। उसका शव देखने से लग रहा था कि एक या दो दिन पहले ही उसकी बेहरहमी से हत्या की गई है। पांच-छह दिन पहले सीआइए को भी मामला दिया गया, जिसके बावजूद सुनील का कोई सुराग नहीं लगा पाई।


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