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वाटर सैंप¨लग व सप्लाई दुरुस्त करने का पढ़ा रहे पाठ, फिर भी नहीं आ रहे रिजल्ट

जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से पंचायत भवन में कर्मचारियों के लिए वाटर सैंपल कलेक्शन के उचित तौर-तरीकों के बारे में समझाया गया। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की वर्कशॉप हो रही हो लेकिन इसके रिजल्ट धरातल पर दिखाई नहीं देते।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 01:28 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 01:28 AM (IST)
वाटर सैंप¨लग व सप्लाई दुरुस्त करने का पढ़ा रहे पाठ, फिर भी नहीं आ रहे रिजल्ट
वाटर सैंप¨लग व सप्लाई दुरुस्त करने का पढ़ा रहे पाठ, फिर भी नहीं आ रहे रिजल्ट

जागरण संवाददाता, करनाल : जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से पंचायत भवन में कर्मचारियों के लिए वाटर सैंपल कलेक्शन के उचित तौर-तरीकों के बारे में समझाया गया। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की वर्कशॉप हो रही हो लेकिन इसके रिजल्ट धरातल पर दिखाई नहीं देते।

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स्थिति यह है कि लोगों को सप्लाई होने वाला पेयजल ज्यादातर जगहों पर दूषित होता है। इसको दुरुस्त करने के लिए महज खानापूर्ति की जाती है। लोग बीमार हो रहे हैं। शुक्रवार को आयोजित इस वर्कशॉप में प्रदेशभर से लगभग 200 कर्मचारियों नें हिस्सा लिया। कर्मचारी आए और मी¨टग को अटेंड कर चले गए। धरातल पर कितना काम हुआ है वह प्रदेशभर में हो रही दूषित पानी की सप्लाई स्पष्ट रूप से बता रही है।

करनाल की बात करें तो जुलाई और अगस्त माह की रिपोर्ट चौंकाने वाली रही। जुलाई माह में 31 पानी के सैंपल फेल पाए गए थे। अगस्त माह में 54 सैंपल फेल थे। ऐसे में हर साल होने वाली इस तरह की वर्कशॉप पर सवाल खड़े होना लाजमी है।

अच्छे से ड्यूटी निभाने के लिए किया प्रेरित

राज्य स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशाला इंचार्ज रसायन वैज्ञानिक अमित ¨सह ने सभी कर्मचारियों को विस्तारपूर्वक वाटर सैंपल कलेक्शन के बारे में समझाया। राज्य सलाहकार लक्ष्मीकांत भाटिया ने भी कर्मचारियों को अच्छे से अपनी ड्यूटी निभाने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को जल नमूने लेने की सही प्रक्रिया से अवगत कराना था। क्योंकि अगर ये प्रक्रिया सही से ना अपनाई जाए तो प्रयोगशाला के परिणाम प्रभावित होते हैं। सैंपल फेल भी हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से निश्चित रूप से कर्मचारी तथा समाज भी लाभान्वित होगा। इस अवसर पर कार्यकारी अभियंता सूर्यप्रकाश जोशी ने संबोधित किया। इस मौके पर विभाग के उपमंडल अभियंता प्रशांत सिल्वेनिया, कनिष्ठ अभियंता रवि कुमार, सुनील कुमार तथा जिला सलाहकार नेहा भी उपस्थित रहे।

इधर एसई ने कहा, कर्मचारियों को वाटर सैंपल के नए तरीके सीखने की जरूरत

करनाल परिमंडल के अधीक्षक अभियंता रमेश कुमार बताया कि आधुनिक युग में फेरबदल होता रहता है, कर्मचारियों को भी वाटर सैंपल के नये तरीके सीखने की जरूरत है। शुक्रवार को पूरे हरियाणा के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बेहतर परिणाम होंगे। इससे पहले की स्थिति को भी सुधारा गया है। लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।


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