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करनाल व यमुनानगर में कुल बीस बसे चलाने का लगाया था टेंडर

परिवहन विभाग की किलोमीटर स्कीम के तहत ऑनलाइन टेंडर करने से पहले पानीपत के दो ट्रेवल एजेंसी संचालकों ने अधिकारियों से साठगाठ कर ली थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:34 AM (IST)
करनाल व यमुनानगर में कुल बीस बसे चलाने का लगाया था टेंडर
करनाल व यमुनानगर में कुल बीस बसे चलाने का लगाया था टेंडर

जागरण संवाददाता, करनाल : परिवहन विभाग की किलोमीटर स्कीम के तहत ऑनलाइन टेंडर करने से पहले पानीपत के दो ट्रेवल एजेंसी संचालकों ने अधिकारियों से साठगाठ कर ली थी। दोनों पूरे योजनाबद्ध तरीके से करनाल में पाच-पाच और यमुनानगर में भी पाच-पाच बस चलाने का टेंडर ऊंचे रेट पर भरकर ले लिया था। दोनों जिलों में 20 बसों को चलाने का टेंडर लिया गया। लेकिन मामले का पता चलते ही प्रदेश सरकार सजग हो गई और अधिकारियों और ट्रेवल संचालकों की मंशा सिरे नहीं चढ़ सकी। अब तक दोनों संचालक विजिलेंस की गिरफ्त से बाहर हैं। विजिलेंस के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की तह तक पहुंचा जाएगा। कहीं भी किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी। मामले की गंभीरता से जाच की जा रही है।

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नियमों से करीब 13 रुपये ज्यादा टेंडर किया

पानीपत की पाल ट्रेवल लाइंस के संचालक प्रीतपाल सिंह व जशगुन ट्रैवल एजेंसी के संचालक नैंसी ने अपने जिले के बाहर टेंडर किए। ताकि उनकी मंशा पर किसी को शक नहीं हो। चूंकि स्थानीय स्तर पर लोगों की नजर उन पर रहती है। ऐसे में उन्होंने अपने पड़ोस के जिले करनाल और पानीपत से करीब 90 किलोमीटर दूर यमुनानगर डिपो में किलोमीटर के हिसाब से बस चलाने का टेंडर किया। नियमों से करीब 13 रुपये किलोमीटर ज्यादा रेट पर टेंडर किया गया।

रोडवेज यूनियनों ने किया था इस योजना का विरोध

रोडवेज यूनियन लगातार किलोमीटर योजना का विरोध करती आ रही थी। इसके लिए लिए उन्होंने आदोलन का रुख भी अख्तियार किया था। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश सिहमार ने कहा कि इस बात का पहले ही अंदेशा था कि यह योजना लोगों के हित में नहीं है। निजी बस चलाने वाले कभी जनता के बारे में नहीं सोच सकते। इसका सीधा असर किराया बढ़ोतरी के रूप में सामने आना है। निजीकरण के वह खिलाफ हैं। सरकार को नियमित भर्तिया करके और नई बसों को बेड़े में शामिल करना चाहिए।

नाम अलग-अलग, एक ही कंप्यूटर से किए टेंडर

दोनों ट्रेवल ने एक ही कंप्यूटर से टेंडर किए। विजिलेंस ने दोनों के ऑनलाइन टेंडर की जाच की तो पता चला कि कंप्यूटर का आइपी एट्रेस एक ही निकला। इससे जाहिर है कि दोनों के नाम भले ही अलग अलग हों, लेकिन यहा भी पूरी साठगाठ करके टेंडर को आपस में बाटा गया था।

वर्जन

एसपी विजिलेंस श्याम लाल शर्मा का कहना है कि करनाल विजिलेंस ने पाल ट्रेवल और जशगुन ट्रैवल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले की जाच गंभीरता से की जा रही है।


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