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उच्चतर शिक्षा को शिक्षकों ने अपने खून से सींचा, इसे बचाना होगा : प्रो. वीबी अबरोल

रिटायर्ड शिक्षक संगठनों ने उच्चतर शिक्षा की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए अटल पार्क में संगोष्ठी की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 01:16 AM (IST)
उच्चतर शिक्षा को शिक्षकों ने अपने खून से सींचा, इसे बचाना होगा : प्रो. वीबी अबरोल
उच्चतर शिक्षा को शिक्षकों ने अपने खून से सींचा, इसे बचाना होगा : प्रो. वीबी अबरोल

जागरण संवाददाता, करनाल : रिटायर्ड शिक्षक संगठनों ने उच्चतर शिक्षा की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए अटल पार्क में संगोष्ठी की।

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सेवानिवृत्त प्रो. वीबी अबरोल ने कहा कि यह संगठन रिटायर्ड कॉलेज शिक्षकों व ¨प्रसिपल का है लेकिन सिर्फ अपनी मांगों के लिए ही नहीं हमें देश की शिक्षा व्यवस्था के संकट में भी हस्तक्षेप करना चाहिए। जिस व्यवस्था के लिए हमने इतने वर्ष काम किया उसे अपनी आंखों के सामने बर्बाद होता हुआ नहीं देख सकते। देश की उच्चतर शिक्षा को शिक्षकों ने अपने खून से सींचा है। हमें इसे बचाना होगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षा महंगी हो रही है। स्तर गिर रहा है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण समाप्त करने की कोशिश हो रही है। प्रो. प्रमोद गौरी रोहतक ने कहा इस तरह की एक संगोष्ठी पहले रोहतक में भी हो चुकी है।

प्राइवेट पीएचडी देने के कारखाने बने विश्वविद्यालय

रामजी लाल ने परीक्षाओं में नकल के संस्थागत होने पर ¨चता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय खासकर प्राइवेट पीएचडी देने के कारखाने बन गई हैं। साहित्यकार प्रोफेसर अशोक भाटिया ने सिलेबस व भाषा पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि शिक्षक इसमें सुधार के लिए समानांतर मुहिम चलाने का संकल्प लें। डॉ. आदर्श ने कहा कि नीतियां थोपी नहीं जानी चाहिए।

कुलपतियों की नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप : प्रो. सुरेंद्र

महर्षि दयानंद युनिवर्सिटी, रोहतक के पूर्व डीन अकादमिक प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार ने कहा कि जबसे यूनिवर्सिटी रेजीडेंशल के स्थान पर एफिलेटिड बनी है तब से उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आई है। बड़ी संख्या में व्यवसायिक कोर्स व संस्थाओं के खुलने से भी गुणवत्ता में फर्क पड़ा है। शिक्षा परीक्षा केंद्र बनकर रह गई है। विश्लेषात्मक क्षमता विकसित नहीं हो रही। क्लास रूम में शिक्षक अधपके व्याख्यान दे रहे हैं। थ्योरी का प्रेक्टिल से संबंध नहीं। उन्होंने बेबाकी से कुलपतियों की नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप की बात कही। कहा कि सत्ताधारी पार्टी अपने चहेते कुलपति नियुक्त करती है। दुर्भाग्य से शिक्षण संस्थान नॉलेज सेंटर के बजाए पॉवर सेंटर बन गए हैं।

60 प्रतिशत शिक्षक एडहॉक : डॉ. र¨वद्र

डॉ. र¨वद्र गासो ने कहा कि 60 प्रतिशत शिक्षक एडहॉक हैं। इतनी संख्या खाली पदों की है। नौजवान रोजगार न मिलने के चलते विदेशों में सब कुछ लुटाकर स्टडी वीजा लगवा रहे हैं। पिछले साल करीब 70000 करोड़ लगाकर अकेले पंजाब से एक लाख नौजवान शिक्षार्थी विदेशों में गए। हमें आपसी विमर्श तेज करने होंगे। संगोष्ठी में डॉ. अशोक अरोड़ा, डॉ. बलवान ¨सह व डॉ. एससी भारद्वाज ने भी भागीदारी की।


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