बेरोजगारी का उठा रहे फायदा, नौकरी के नाम पर की जा रही ठगी
कहीं सरकारी विभाग में तो कहीं निजी कंपनी में नौकरी दिलाने की आड़ मे
संवाद सूत्र, निसिग : कहीं सरकारी विभाग में तो कहीं निजी कंपनी में नौकरी दिलाने की आड़ में बेराजगार युवकों से ठगी का खेल लगातार जारी है। करनाल के कल्पना चावला राजकीय अस्पताल में एक महिला को नौकरी लगवाने के नाम पर आठ लाख रुपये ठग लिए जाने का मामला पिछले सप्ताह ही सामने आया था कि अब निसिग में एक साथ दो ऐसे मामले उजागर हुए हैं।
पहले मामले में बस्तली निवासी राज गौरव सिंह ने यमुनानगर के जयधर गांव निवासी राममेहर व उसके बेटे पर कंपनी में नौकरी की एवज में सात लाख 35 हजार की ठगी का आरोप लगाते हुए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शिकायत भेजी है। निसिग थाना में शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आरोपित राममेहर पशुपालन विभाग में कंपाउंडर के तौर पर तैनात है। जो संस्था बनाकर गलत विज्ञापनों के आधार पर बेरोजगारों से रुपये ऐठने का काम कर रहा है। आरोप है कि उन्होंने युवक को अपने झांसे में लेकर अपनी ही कंपनी में नौकरी लगवाने के नाम पर उससे उससे सात लाख 35 हजार ठग लिए। अपनी कंपनी में छह माह नौकरी पर रखने के बाद उसे सैलरी देने की बजाय उल्टा पांच लाख रुपये और मांगे जाने लगे। राशि मांगने पर जान से मारने की धमकी देने लगे।
वहीं दूसरे मामले में जनस्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर दो लोगों पर गांव ब्रास निवासी व्यक्ति से तीन लाख की ठगी के आरोप लगे हैं। पीड़ित ने जिसकी शिकायत एसपी करनाल को दी है। निसिग पुलिस ने दोनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार जयकुमार ने बताया कि आरोपित गोपी राम व कैथल के गांव हाबडी निवासीे प्रीतम सिंह है। जिसने खुद को निसिग निवासी प्रतिष्ठित व्यक्ति का रिश्तेदार बताया। उन्होंने विश्वास में लेकर तीन लाख में बेटे को सरकारी नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया। पीड़ित ने बताया कि आरोपितों ने एसडीओ के हस्ताक्षर वाला एक पत्र उसको दिया। 22 फरवरी 2018 को नौकरी के लिए दस्तावेज लेकर विभाग के करनाल कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि पत्र फर्जी है और कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। आरोपितों ने फिर दूसरी नौकरी दिलाने का भरोसा दिया और राशि लौटाने से भी इंकार कर दिया है।