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उप्र सीमा पर सख्ती, दूसरे प्रदेश से केवल बासमती आएगी, पीआर पर रोक

- डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कर्मचारियों की शिफ्ट के अनुसार लगाई ड्यूटी

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 07:30 AM (IST)
उप्र सीमा पर सख्ती, दूसरे प्रदेश से केवल बासमती आएगी, पीआर पर रोक
उप्र सीमा पर सख्ती, दूसरे प्रदेश से केवल बासमती आएगी, पीआर पर रोक

फोटो---04 व 05 नंबर है। - डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा, कर्मचारियों की शिफ्ट के अनुसार उप्र की सीमा पर लगेगी ड्यूटी

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-हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी ने की फैसले की निदा, कहा-पीआर तो छोड़ो, बासमती की भी रोकी जा रही ट्रालियां

जागरण संवाददाता, करनाल:

प्रदेश में पीआर धान की आवक को देखते हुए सरकारी खरीद आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है। खरीद शुरू होने की सूचना मिलने के बाद उत्तर प्रदेश की ओर से किसानों ने फसल लेकर करनाल मंडी की तरफ रूख किया लेकिन उन्हें बार्डर पर ही रोक लिया गया। करीब 50 किसान फसल लेकर बार्डर पर खड़े रहे। उन्हें करनाल की सीमा में दाखिल नहीं होने दिया गया।

इस मामले को लेकर हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने कड़ी निदा की है। आढ़तियों का कहना है कि एक तरफ सरकार किसानों को अपनी फसल देशभर में कहीं पर बेचने की छूट दे रही है, वहीं दूसरी ओर किसानों को नाकाबंदी कर उप्र बार्डर पर रोका जा रहा है। यह किसानों व आढ़तियों के साथ विश्वासघात है। उप्र बार्डर पर रविवार को 50 से अधिक किसान करनाल मंडी आने की आस लेकर वहीं डेरा डाले बैठे रहे। वर्जन

डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी मंडियों में सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखने की भी व्यवस्था करें। उन्होंने करनाल मंडी सचिव को निर्देश दिए कि जिले के उत्तर प्रदेश के साथ लगने वाले गांव शेरगढ़ टापू और मंगलौरा की सीमाओं पर शिफ्ट अनुसार कर्मचारियों की तैनाती करें ताकि बासमती के अलावा किसी अन्य प्रदेश का पीआर धान करनाल की मंडियों तक न पहुंचे। यदि बाहर से पीआर धान आता है तो यहां के किसानों की धान रह जाएगी। यदि गुंजाइश बचती है तो बाद में उप्र की धान पर सरकार से विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। वर्जन

फोटो---06 नंबर है।

किसानों को बार्डर पर रोकना गलत : रजनीश चौधरी

हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी ने कहा कि किसानों को उप्र बार्डर पर रोका जाना गलत है। एसोसिएशन इस मामले की निदा करती है। सरकार इस बारे में रूख स्पष्ट करे। किसान को अपनी फसल पूरे देश में कहीं पर बेचने की छूट मिलनी चाहिए।


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