प्रदेश के सेंटर स्टोर में पहुंचा खेल का सामान
कर्ण स्टेडियम में सोमवार को तीन ट्रकों में खेल का सामान पहुंचा है। प्रदेश का सेंटर स्टोर होने के कारण यहां जनवरी से अब तक तीसरी बार सामान पहुंचाया जा चुका है। कोचों की डिमांड के अनुसार मुख्यालय के आदेश पर सोमवार को पटियाला के एसके स्पोर्ट्स की ओर से बास्केटबॉल व फुटबॉल का सामान पहुंचाया गया है।
जागरण संवाददाता, करनाल : कर्ण स्टेडियम में सोमवार को तीन ट्रकों में खेल का सामान पहुंचा है। प्रदेश का सेंटर स्टोर होने के कारण यहां जनवरी से अब तक तीसरी बार सामान पहुंचाया जा चुका है। कोचों की डिमांड के अनुसार मुख्यालय के आदेश पर सोमवार को पटियाला के एसके स्पोर्ट्स की ओर से बास्केटबॉल व फुटबॉल का सामान पहुंचाया गया है। खेल अधिकारियों के अनुसार आचार संहिता के बाद खेल के सामान को संबंधित स्टेडियम में पहुंचाया जाएगा। इससे पहले वर्ष 2015 में मुख्यालय की ओर से खेल का सामान सेंटर स्टोर में भेजा गया था। इस दौरान स्टेडियम के कोच खिलाड़ियों को अभ्यास कराने के लिए जैसे-तैसे गुजारा कर रहे थे। खेल अधिकारियों के अनुसार लगभग 40 करोड़ रुपये का अलग-अलग खेलों से संबंधित सामान प्रदेश के स्टेडियमों में भेजा जाना है। खिलाड़ी मुकेश और सुशील ने बताया कि चार साल से खेल का सामान न होने के कारण खुद की जेब से सामान खरीदकर अभ्यास कर रहे थे। कभी-कभी तो अभ्यास छूट भी जाता था। स्टेडियम में सामान न होने के कारण कोच को भी अभ्यास कराने में परेशानी का सामना करना पड़ता था।
13 फरवरी को कर्ण स्टेडियम में कुश्ती व योगा के मैट पहुंचे थे। इसके बाद एथलीट और अब 800 बॉस्केटबाल, बॉस्केटबाल नेट 130, 175 फुटबाल और फुटबाल व बास्केटबॉल के पांच-पांच पोल के सेट भी उतारे गए हैं। जिला खेल अधिकारी सुमन सैनी ने बताया कि आचार संहिता के बाद सामान को वितरित किया जाएगा। प्रदेश का सेंटर स्टोर होने के चलते करनाल में सामान उतारा जा रहा है, जबकि डिमांड व डिस्ट्रीब्यूटर संबंधित रिकार्ड भी मेंटेन किया जा रहा है।
रिवर रिफटिग कैंप के लिए चयन
उत्तराखंड के कोडियाला में 8 से 12 मई तक रिवर रिफटिग कैंप के लिए चयन किया जाना है। युवतियों की आयु 15 से 29 वर्ष तक होनी चाहिए। जिला खेल अधिकारी सुमन सेनी ने बताया कि आने-जाने का खर्च विभाग की ओर से दिया जाएगा और 6 मई तक जिला कार्यालय जानकारी दी जा सकती है। कोर्स के दौरान युवतियों को तैरना, नौकायान व आपदा के समय बचाव संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।