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75 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आई आंधी व बरसात

शुक्रवार शाम को अचानक बदले मौसम ने किसानों के होश उड़ा दिए। 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आई आंधी और साथ में बरसात ने बासमती धान की अगेती 1509 किस्म को बिछौना बना दिया। कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसपी तोमर के मुताबिक इस बार धान की फसल अच्छी खड़ी है। अब यदि बरसात होती है तो वह इसके लिए नुकसानदायक साबित होगी, क्योंकि धान निसार पर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 02:27 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 02:27 AM (IST)
75 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आई आंधी व बरसात
75 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आई आंधी व बरसात

जागरण संवाददाता, करनाल : शुक्रवार शाम को अचानक बदले मौसम ने किसानों के होश उड़ा दिए। 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आई आंधी और साथ में बरसात ने बासमती धान की अगेती 1509 किस्म को बिछौना बना दिया। कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसपी तोमर के मुताबिक इस बार धान की फसल अच्छी खड़ी है। अब यदि बरसात होती है तो वह इसके लिए नुकसानदायक साबित होगी, क्योंकि धान निसार पर है। पौधे में वजन हो गया है। जमीन पर गिर जाने के कारण उत्पादन पर चार से पांच प्रतिशत तक का नुकसान हो सकता है।

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शुक्रवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय नमी की मात्रा 100 फीसद दर्ज की गई जो शाम को गिरावट के साथ 88 फीसद रह गई। आंधी 53 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा लेकिन सितंबर माह में बरसात का सिलसिला जारी रहेगा।

पिछले 10 साल बता रहे हैं सितंबर में हुई अच्छी बरसात

पिछले 10 सालों में सितंबर माह में बरसात की स्थिति बता रही है कि सितंबर माह में अच्छी बरसात हुई है। इस बार भी मौसम विभाग इस माह अच्छी बरसात की संभावना जता रहा है। ऐसे में किसानों पर संकट के बादल खड़े हुए हैं। वर्ष 2010 में सितंबर माह में सबसे ज्यादा 348.8 एमएम बरसात दर्ज की गई थी। इसके बाद वर्ष 2014 में 229.7 एमएम बरसात दर्ज की गई थी। 2009 में 215 एमएम बरसात हुई थी।

धान की गुणवत्ता पर भी पड़ सकता है असर

नि¨सग : बरसात व तेज हवा के कारण अधपकी धान बिछी गई है। जिससे धान की गुणवत्ता प्रभावित होने डर बना है। किसान रामभज शर्मा, नरेश कुमार, महेंद्र शर्मा, राजेंद्र राणा, सुखबीर ¨सह व हरभजन ¨सह का कहना था कि अगेती पीआर धान में अब बालियां निकल रही हैं। बरसात में जिनका बूर झड़ने से धान के दाने का विकास नही हो पाता। जिसके छिलके में तब्दील होने से पैदावार प्रभावित होती है।

पेड़ गिरने से बाधित हुआ रास्ता

बरसात व आंधी के कारण चिड़ाव के पास करनाल के मुख्य मार्ग पर पेड़ गिरने से आवागमन प्रभावित हो गया। ग्रामीणों की मदद से आधे घंटे बाद पेड़ को हटाया गया। इस दौरान सड़क पर वाहनों की एक किलोमीटर लंबी कतार लग गई। काफी देर के बाद पहुंची पुलिस ने रास्ते को सुचारू कराया।


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