दो महीने का काम दो साल में भी पूरा नहीं करने पर सोसाइटी ब्लैकलिस्ट
पार्क में दो महीने का काम दो साल बाद भी पूरा नहीं करने पर नगर
जागरण संवाददाता, करनाल : पार्क में दो महीने का काम दो साल बाद भी पूरा नहीं करने पर नगर निगम ने सोसाइटी को ब्लैकलिस्ट कर दिया। द न्यू सोसाइटी संधु कोऑपरेटिव एल एंड सी सोसाइटी ने अक्टूबर 2016 में वार्ड-2 के शक्तिपुरम स्थित पार्क में काम का ठेका लिया था। वर्क आर्डर के अनुसार 18.33 लाख का काम दो महीने में पूरा करना था। जब नौ महीने बाद भी काम पूरा नहीं हुआ तो निगम ने एक अगस्त 2017 को पहला नोटिस जारी किया। दिसंबर तक तीन नोटिस सोसाइटी को भेज दिए गए।
इधर, ठेकेदार अ¨श्वद्र का कहना है कि वार्ड दो के पार्षद बल¨वद्र ¨सह ने एस्टीमेट से बाहर के काम करवाने का दबाव बनाया। ऐसा करता तो उसे घाटा होता। इसलिए काम नहीं कर पाया। वहीं पार्षद ने इन आरोपों को निराधार बताया है। इस सोसाइटी को बीते सप्ताह ही निगम ने ब्लैकलिस्ट किया है।
कमिश्नर को बताया था, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी : ठेकेदार
ठेकेदार अ¨श्वद्र का कहना है कि एस्टीमेट से बाहर के काम करना मुनासिब नहीं था। इस बारे में कमिश्नर डॉ. प्रियंका सोनी को बताया था, लेकिन उन्होंने उनकी बात को अनसुना कर दिया। काम पूरा करते तो भी नुकसान था। अब छोड़ने पर भी घाटा है। 50 लाख के जो काम पूरे किए थे, उसकी 50 हजार धरोहर राशि निगम के पास है। 18 हजार इसका काम ही है। पार्क का कुछ काम करने पर साढ़े तीन लाख की पेंमेंट उन्हें मिल चुकी है।
सोसाइटी ने काम कम मुनाफे में लिया था : पार्षद
पार्षद बल¨वद्र ¨सह ने कहा कि इस सोसाइटी ने पार्क का काम कम रेट में लिया था। पांच प्रतिशत मुनाफे में टेंडर लेने के कारण वह भाग गया, जबकि अन्य पार्को में 20 से 25 प्रतिशत मुनाफे में ठेकेदार काम कर रहे हैं। जो आरोप वह लगा रहा है वह निराधार हैं। ठेकेदार यदि सही था तो कमिश्नर को लेटर लिखना चाहिए था। जिनका एस्टीमेट बना था कम से कम वह काम ही कर लेता, बाकी के एस्टीमेट मैं खुद पास करवा लेता।
सोसाइटी की धरोहर राशि जब्त
ब्लैकलिस्ट करने के बाद निगम ने सोसाइटी की धरोहर राशि जब्त कर ली है। यह सोसाइटी करीब 50 लाख के काम अब तक पूरे कर चुकी है। इन कार्यो की धरोहर राशि भी उसे वापस नहीं मिलेगी। नियम के अनुसार ठेकेदार से दो प्रतिशत व सोसाइटी से ठेके की एक प्रतिशत राशि पहले जमा करानी पड़ती है। अब इस पार्क का टेंडर दोबारा होगा। पहले से जितनी अधिक लागत में टेंडर छोड़ा जाएगा। वह भी सोसाइटी से वसूली जाएगी।
सवाल : नौ महीने बाद पहला नोटिस क्यों?
अक्टूबर 2016 में निगम ने सोसाइटी को काम दिया था। काम दो महीने में पूरा करना था, लेकिन निगम ने नौ महीने बाद एक अगस्त 2017 को पहला नोटिस दिया। 31 अगस्त को दूसरा और एक दिसंबर को फाइनल नोटिस जारी किया गया। निगम के कारण आज तक पार्क का काम पूरा नहीं हो पाया है।
वर्जन
जेई रामनिवास गुप्ता का कहना है कि काम पूरा नहीं करने पर सोसाइटी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। अब दोबारा टेंडर लगाया जाएगा। ताकि पार्क के काम को पूरा किया जाए सके।