Move to Jagran APP

एसएमओ-एमओ के बीच झगड़े में दूसरे डॉक्टरों ने कराए तबादले, बिगड़े हालात

जागरण संवाददाता, करनाल घरौंडा की सीएचसी में दो माह से एमओ डॉ. सुनीता और एसएमओ डॉ. कुलबीर ¨सह के बीच चल रही खींचतान सार्वजनिक हो गई है। फिलहाल स्थिति यह है कि घरौंडा की सीएचसी और चार पीएचसी में कोई भी ड्यूटी देने के लिए तैयार नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 12:57 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 12:57 AM (IST)
एसएमओ-एमओ के बीच झगड़े में दूसरे डॉक्टरों ने कराए तबादले, बिगड़े हालात
एसएमओ-एमओ के बीच झगड़े में दूसरे डॉक्टरों ने कराए तबादले, बिगड़े हालात

जागरण संवाददाता, करनाल

loksabha election banner

घरौंडा की सीएचसी में दो माह से एमओ डॉ. सुनीता और एसएमओ डॉ. कुलबीर ¨सह के बीच चल रही खींचतान सार्वजनिक हो गई है। फिलहाल स्थिति यह है कि घरौंडा की सीएचसी और चार पीएचसी में कोई भी ड्यूटी देने के लिए तैयार नहीं हैं। जो डॉक्टर तैनात थे वे डेपुटेशन कराकर दूसरी जगह चले गए। हालात को देखकर यहां पर कोई नया डॉक्टर ज्वाइन करने को राजी नहीं है। अब स्थिति यह है कि पांचों सेंटर पर एक भी डॉक्टर नहीं है। इस झगड़े को निपटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी नियुक्त की, लेकिन आरोप है कि कमेटी पर भी पक्षपात करने के आरोप लगे और समझौता करने का दबाव डाला गया। इसकी शिकायत एमओ डॉ. सुनीता भौरिया ने सीएमओ से की तो जांच कमेटी बदलनी पड़ी। दो डॉक्टरों के झगड़े के कारण कस्बे की करीब 2.47 लाख की आबादी को परेशानी झेलनी पड़ रही है। घरौंडा सीएचसी की स्थिति

एसएमओ : एक, विवाद के बाद से छुट्टियों पर चल रहे हैं।

एमओ चार :

1. डॉ. अजय छिकारा : चार माह की डेपुटेशन कराकर नागरिक अस्पताल करनाल में आ गए हैं।

2. डॉ. नम्रता : आयुष्मान भारत योजना के तहत नागरिक अस्पताल में ट्रांसफर हुआ, लेकिन पांच दिन बाद ट्रांसफर लिस्ट कैंसल कर दी गई, लेकिन इसके बाद वापस नहीं आई। नागरिक अस्पताल से रिलीव नहीं हुई।

3. डॉ. सुनीता भौरिया : चार नवंबर के बाद से घरौंडा सीएचसी में ज्वाइन नहीं किया।

4. डॉ. निखिल बंसल : अपना ट्रांसफर कराकर अंबाला चले गए। अब क्या?

सीएचसी में एक भी डॉक्टर नहीं है। मरीज धक्के खाकर चले जाते हैं। व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी कोई भी लेने को तैयार नहीं है। ये हैं पीएचसी के हालात

1. पीएचसी कुटेल : मेडिकल आफिसर डॉ. रीतिका तैनात हैं, लेकिन शिफ्ट के हिसाब से कभी पीएचसी तो कभी सीएचसी में ड्यूटी करनी पड़ रही है।

2. पीएचसी चौरा : डॉ. ध्रुव गुप्ता छह माह की डेपुटेशन कराकर नागरिक अस्पताल करनाल आ गए हैं।

3. पीएचसी बरसत : डॉ. उज्ज्वल ¨सह, दो साल की डेपुटेशन पर पंचकूला चले गए।

4. पीएचसी गगसीना : एक साल से से अधिक समय से मेडिकल आफिसर की सीट खाली है। ये सेवाएं हो रही प्रभावित

ओपीडी : रोजाना 550 से 600 ओपीडी होती थी, लेकिन चार दिन से बंद हैं। फार्मासिस्ट पुरानी पर्ची देखकर दवाइयां दे रहे हैं।

-एमएलआर : सीएचसी में रोजाना औसत 5 से 7 एमएलआर कटती हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से काम प्रभावित हो रहे हैं।

-डिलीवरी : सीएचसी में हर माह 80 से 100 डिलीवरी होती हैं, लेकिन नर्सिंग स्टाफ के भरोसे हो रही हैं, ऐसे में स्थिति बेपटरी है।

-ऑपरेशन : चार दिनों से सीएचसी में ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं, जो मरीज आते हैं वह बाहर के बाहर चले जाते हैं। डॉ. सुनीता भौरिया के समर्थन में उतरे समाज के लोग, एसपी से भी मिले

शनिवार को डॉ. सुनीता भौरिया के समर्थन में समाज के लोग उतरे और कर्ण पार्क में एकत्रित होकर रोष जाहिर किया। इसके बाद उन्होंने एसपी एसएस भौरिया से भी मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। एसएमओ की पत्नी डॉ. प्रवीन ने की प्रेस कान्फ्रेंस

सेक्टर-13 में एसएमओ डॉ. कुलबीर ¨सह की पत्नी डॉ. प्रवीण ने प्रेस कान्फेंस की। उन्होंने कहा कि उसके पति सात साल से घरौंडा सीएचसी में एसएमओ हैं। डॉ. सुनीता भौरिया पहले गगसीना पीएचसी में तैनात थी, जिसके बाद वह घरौंडा सीएचसी में आ गई। डॉ. भौरिया नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से कार्य करती रही। समय पर ड्यूटी नहीं आई। बायोमीट्रिक में हाजिरी नहीं लगाती। एमरजेंसी ड्यूटी पर गैर हाजिर हो जाती है। इस प्रकार की हरकतों को लेकर सीएमओ ओर एसएमओ ने मौखिक और लिखित तौर पर कहा चुका था, लेकिन डॉ. भौरिया ने कोई जवाब नहीं दिया। डॉ. प्रवीण ने कहा कि डॉ. सरिता भौरिया ने जाति विशेष का लाभ लेकर उनके पति एसएमओ डॉ. कुलबीर को झूठे आरोप में फंसा दिया। विभागीय कार्रवाई के दौरान भी डॉ. सरिता अनुपस्थित रही। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। वर्जन

कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा कि इस समय स्थिति गंभीर है। कोई भी डॉक्टर ज्वाइन करने के लिए तैयार नहीं है। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द यहां की स्थिति नियंत्रित की जाए। लोगों से निवेदन है कि जब तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं होती तब तक वह नागरिक अस्पताल व केसीजीएमसी में अपना इलाज करा सकते हैं। जहां तक डॉ. सुनीता भौरिया की बात है उन्होंने जांच कमेटी के मैंबर होने के नाते जांच की। सीएचसी में गए। 16 अक्टूबर को वह पेश नहीं हुई। 18 अक्टूबर को भी वह नहीं आई। इसके बाद 26 अक्टूबर का समय रखा गया। कमेटी की इस जांच मी¨टग में भी वह हाजिर नहीं हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.