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करनाल फिल्मों की शूटिंग के लिए मुंबई का विकल्प, पहले भी हो चुकी है कई फिल्में शूट

करनाल को फिल्म शूटिंग के लिए मुंबई के विकल्प के रूप में विकसिंत किया जा सकता है। पहले भी यहां कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। लॉकडाउन के बाद एक बार फिर यहां शूटिंग और इससे जुड़ी गतिविधियां शुरू होने के आसार हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 11:01 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:01 AM (IST)
करनाल में फिल्म शूटिंग का हब बनने की संभावना। (सांकेतिक फोटो)

करनाल [पवन शर्मा]। दिल्ली और चंडीगढ़ के बीचोबीच स्थित करनाल में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के प्रयास तेज हो गए हैं। करनाल में प्रसिद्ध कर्ण लेक सहित अन्य स्थलों पर शूटिंग संबंधी सुविधाएं व संसाधन मुहैया कराने की पुरानी मांग है। यहां कई फिल्मों की शूटिंग हो भी चुकी है, जिसे देखते हुए अब लॉकडाउन के लंबे दौर के बाद एक बार फिर यहां शूटिंग और इससे जुड़ी गतिविधियां शुरू होने के आसार हैं। 

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उल्लेखनीय है कि हरियाणा की फिल्म नीति के तहत चिन्हित साइट्स में करनाल की कर्ण लेक को भी शामिल किया गया है। अपने सुंदर दृश्यों और फिल्मांकन की दृष्टि से इसे प्रदेश के अच्छे पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जिले में सीतामाई मंदिर, कर्ण पार्क, कंटोनमेंट चर्च व मीरा घाटी सहित अन्य प्रमुख पौराणिक-ऐतिहासिक स्थलों पर भी शूटिंग हो सकती है। यहां अच्छे होटल, एयरपोर्ट के साथ रेलवे और सड़क की भी अच्छी कनेक्टिविटी है। इन्हीं पहलुओं के मद्देनजर संस्कृतिकर्मी प्रयास कर रहे हैं कि यहां बॉलीवुड फिल्मों के साथ क्षेत्रीय सिनेमा से जुड़ी गतिविधियों को भी भरपूर बढ़ावा मिले। इसके लिए निफा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू, रंगकर्मी बीके आत्रेय, क्षितिज त्यागी, विकास ढींगरा व कृष्ण अरोड़ा आदि ने शासन से जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया है।

कर्ण लेक भी साइट्स में शामिल

हरियाणा की फिल्म नीति के तहत प्रदेशभर में साइट्स चिह्नित की गई हैं। इनमें ऐतिहासिक, धार्मिक, पर्यटन केंद्रित और महाभारतकालीन स्थलों के अलावा करनाल की प्रसिद्ध कर्ण लेक, मोरनी की पहाडिय़ों, कलेसर के जंगल, भिंडवास पक्षी विहार, सुल्तानपुर लेक, रोहतक की तिलयार लेक भी शामिल हैं।

अकादमी खुले, दूरदर्शन केंद्र हो स्थापित

करनाल में शूटिंग व इससे जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने से जुड़े प्रयासों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर संचालित सामाजिक संस्था नेशनल इंटिग्रेटेड फोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस निफा के अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू ने अलग राय दी है।

उनका कहना है कि शूटिंग हो या इससे जुड़े कार्य, इनकी वास्तविक अहमियत तभी नजर आएगी, जब यहां कला-संस्कृति से जुड़े उभरते कलाकारों के लिए प्रशिक्षण से लेकर रोजगार तक के बेहतर विकल्प पहले उपलब्ध हों। इसके लिए करनाल में सरकार की मदद से उच्चस्तरीय प्रशिक्षण अकादमी व दूरदर्शन केंद्र की स्थापना की सकती है। पन्नू जल्द ही इस संदर्भ में शासन को प्रस्ताव भी भेजने की तैयारी में हैं।

शूटिंग में प्रोटोकॉल रहेगा लागू

कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि अधिक दिनों तक शूटिंग की मंजूरी नहीं मिलेगी। 50 से अधिक लोग एकत्र नहीं होंगे। सबकी थर्मल स्केनिंग होगी। कंटेनमेंट जोन में शूटिंग नहीं होगी। संक्रमण से बचाव के तमाम जरूरी इंतजाम रहेंगे। सैनिटाइजर, साबुन व पानी की व्यवस्था अनिवार्य है। जिसे फिल्माया जा रहा है, उसे छोड़कर सबको शारीरिक दूरी रखनी होगी। भीड़ से बचने के लिए पर्याप्त व्यू-कटर और निजी सुरक्षाकर्मी आवश्यक हैं।

ऑनलाइन स्वीकृति जरूरी

प्रदेश सरकार ने हिंदी, हरियाणवी व अन्य फिल्मों व सीरियल की शूटिंग को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत फिल्म व सीरियल निर्माताओं को शूटिंग के लिए जनसंपर्क विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन स्वीकृति लेनी होगी। प्रारंभिक स्वीकृति की सूचना विभागीय महानिदेशक को देगी होगी। जिलों में शूटिंग के लिए डीसी को आवेदन करना होगा। इसमें साइट्स का उल्लेख जरूरी है। आवेदन में लोकेशन, शूटिंग शेड्यूल की जानकारी देनी होगी। एसपी से विचार-विमर्श करके डीसी अनुमति देंगे।


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