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न्याय सुनिश्चित करना सभी हितधारकों का दायित्व : शशिकांत शर्मा

मधुबन पुलिस अकादमी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोक अभियजकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो दिल्ली के सहयोग से महिला सुरक्षा विषय पर अभियोजन विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक शशिकांत शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ अंबाला रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. आरसी मिश्रा की ओर से 25 मार्च को किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 06:46 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:40 AM (IST)
न्याय सुनिश्चित करना सभी हितधारकों का दायित्व : शशिकांत शर्मा
न्याय सुनिश्चित करना सभी हितधारकों का दायित्व : शशिकांत शर्मा

जागरण संवाददाता, करनाल : मधुबन पुलिस अकादमी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोक अभियजकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो दिल्ली के सहयोग से महिला सुरक्षा विषय पर अभियोजन विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक शशिकांत शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में हरियाणा राज्य के 19 जिला व उप जिला न्यायवादियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अंबाला रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. आरसी मिश्रा की ओर से 25 मार्च को किया गया था।

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शशिकांत शर्मा ने कहा कि समाज में न्याय बना रहे इसकी जिम्मेदारी सभी हितधारकों की है। न्यायालय, पुलिस, अभियोजन और समाज के नागरिक सभी के योगदान से न्याय की स्थापना संभव है। उन्होंने कहा कि समाज में व्यवस्था और न्याय के लिए कानून बनाए जाते हैं। समाज में परिवर्तन होता रहता है जिसके अनुरूप कानूनों में भी बदलाव होता है, नये कानून भी बनाए जाते हैं। कानून को सही रूप से लागू करने से समाज मे न्याय और सुरक्षा की भावना बराबर बनी रहती है। अपराधी सजा से नहीं बचेगा यह भावना व्यक्ति को काफी हद तक अपराध से दूर रखती है। महिलाएं और बच्चें अपराध का शिकार होने की ²ष्टि से संवेदनशील वर्ग में आते हैं। लोक अभियोजक केस की सुनवाई के दौरान साक्ष्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करने में सहायक बनकर अपराधी को सजा और निर्दोष को मुक्त कराने में अपनी महत्वपूर्ण भमिका निभा सकते हैं। ऐसा करके वे महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों में कमी लाने में भी मदद कर सकते हैं।

इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक अकादमी के डीडीए अजय कुमार ने कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि अपने-अपने क्षेत्र के जानकारों द्वारा प्रतिभागियों को जेंडर सेंसीटाइजेशन, फोरेंसिक सबूतों, महिला से संबंधित साइबर अपराध, डीएनए का साक्ष्य के रूप में उपयोग आदि विषयों पर गहनता से जानकारी दी गई। अकादमी के डीडीए रामपाल ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि व प्रतिभागियों का अकादमी की ओर से आभार व्यक्त किया।


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