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बच्चों को सेवादार बनाकर की उज्ज्वल भविष्य पर मंथन

ये मेगा पीटीएम बच्चों की खातिर थी। शिक्षकों व अभिभावकों के बीच में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर बातचीत होनी थी लेकिन कस्बे के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित पीटीएम में छात्रों को ही सेवादार बना दिया गया। चाय-पानी की व्यवस्था का जिम्मा उनके हाथों में सौंप दिया गया। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीटीएम को कितनी गंभीरता से लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 01:29 AM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 01:29 AM (IST)
बच्चों को सेवादार बनाकर की उज्ज्वल भविष्य पर मंथन
बच्चों को सेवादार बनाकर की उज्ज्वल भविष्य पर मंथन

संवाद सहयोगी, घरौंडा : ये मेगा पीटीएम बच्चों की खातिर थी। शिक्षकों व अभिभावकों के बीच में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर बातचीत होनी थी लेकिन कस्बे के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित पीटीएम में छात्रों को ही सेवादार बना दिया गया। चाय-पानी की व्यवस्था का जिम्मा उनके हाथों में सौंप दिया गया। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीटीएम को कितनी गंभीरता से लिया गया है। स्कूल प्रबंधन का दावा है कि पीटीएम सफल रही है और करीब 60 फीसदी अभिभावकों ने मी¨टग में हिस्सा लिया है।

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मंगलवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घरौंडा में शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार पेरेंट्स टीचर मी¨टग बुलाई गई। इसका उद्देश्य अभिभावकों और अध्यापकों के बीच तालमेल स्थापित करना और बच्चों के सर्वागीण विकास को लेकर राय सांझा करना था लेकिन यहां यह मी¨टग अपने उद्देश्य भटकी हुई दिखाई दी।

मी¨टग के दौरान सरकारी स्कूलों में जारी ढर्रा ही अभिभावकों को भी दिखाई दिया। पीटीएम के दौरान स्कूली बच्चे सेवादारों की तरह पानी पिलाते रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पीटीएम के दौरान ही इस तरह से छात्रों के हालात है तो सालभर स्कूल की क्या व्यवस्था रहती होगी।

मास्टर जी, म्हारी ध्याड़ी टूट जैगी

सरकारी स्कूलों में छात्रों के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए पहली बार मेगा पीटीएम का आयोजन किया गया लेकिन इस मी¨टग के प्रति अधिकतर अभिभावक उदासीन दिखाई दिए। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्र संख्या 550 से ज्यादा की है। जिनमें से करीब 300 बच्चों के परिजन ही मी¨टग में दिखाई दिए। हालांकि जो अभिभावक स्कूल में पहुंचे, वे भी महज औपचारिकता पूरी करते हुए चलते बने। स्कूल अध्यापकों ने जब अभिभावकों को मी¨टग में रुकने के लिए कहा तो उन्हें जवाब मिला कि मास्टर जी, म्हारी ध्याड़ी टूट जैगी।

वर्जन-

आपको वहां सकारात्मक दिखाई नहीं दिया। नेगेटिव चीज को लेकर इश्यू बना रहे हो। बाकी मैं कल स्कूल में जाकर जांच करूंगी। किसके कहने पर बच्चों ने पानी पिलाया था।

सुनीता नरवाल, ¨प्रसिपल

वर्जन

अगर पीटीएम के दौरान बच्चों से पानी पिलवाया गया है तो गलत है। मेरी जानकारी में यह मामला नहीं है। मैं जांच करूंगा।

महाबीर ¨सह, बीइओ, घरौंडा।


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