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कॉलेजों में सीटें खाली फिर भी छात्रों को नहीं मिल रहा दाखिला

उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से इस बार ऑनलाइन दाखिलों की आवेदन प्रक्रिया प्राचार्यो और विद्यार्थियों के लिए गले की फांस बन गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 09:27 AM (IST)
कॉलेजों में सीटें खाली फिर भी छात्रों को नहीं मिल रहा दाखिला
कॉलेजों में सीटें खाली फिर भी छात्रों को नहीं मिल रहा दाखिला

जागरण संवाददाता, करनाल : उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से इस बार ऑनलाइन दाखिलों की आवेदन प्रक्रिया प्राचार्यो और विद्यार्थियों के लिए गले की फांस बन गई है। 8 जून से लेकर अब तक दाखिलों की प्रक्रिया युवाओं की समझ से परे है। समस्या का समाधान निकालने में उच्चाधिकारी तेजी नहीं दिखा रहे। उच्चतर विभाग में सुनवाई नहीं हो रही और कॉलेज स्तर पर प्राचार्य किसी तरह की मदद कर पाने में असमर्थ हैं। मजबूरन छात्रों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। दूसरी मेरिट लिस्ट में नाममात्र दाखिले अलॉट होने पर युवाओं की उम्मीद भी टूट चुकी है। लचर प्रणाली के कारण जिले के कॉलेजों में 60 से 65 फीसद तक ही सीटों पर दाखिला हो सका है। उच्चतर शिक्षा विभाग की ऑनलाइन सिस्टम के कारण अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी दाखिला नहीं हो रहा।

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कॉलेजों में सीटें खाली, नहीं हो पा रहा दाखिला

उच्चतर विभाग की आधी-अधूरी योजना जिले के 12 कॉलेजों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों के करियर पर भारी पड़ रही है। एनएसयूआइ जिला प्रधान अमन पन्नू ने बताया कि नए सिस्टम को लगू करने से पहले तैयारी की जानी चाहिए थी। अधिकारियों के मनमर्जी के रैवये के कारण छात्र-छात्राएं कॉलेजों में दाखिलों से वंचित रह गए हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया होने के कारण विद्यार्थियों को कॉलेज स्तर पर कोई मदद नहीं मिल पा रही है। हालात ये हैं कि कॉलेजों में सीटे खाली पड़ी हैं और अच्छे अंक प्राप्त करके वाले विद्यार्थियों को इच्छा के कॉलेज में दाखिला नहीं मिला है। इसके अलावा, दाखिलों में प्राचार्य किसी तरह की मदद करने में कमजोर साबित हो रहे हैं। कमजोर नेतृत्व होने के कारण कॉलेजों में केवल 60 से 65 फीसद तक ही सीटों पर दाखिला हो सका है।

प्रिसिपलों ने बैठक कर जताया रोष

एक माह से ऑनलाइन दाखिलों को लेकर विद्यार्थियों को दाखिला न मिलने के कारण महाविद्यालयों के प्राचार्यो ने दयाल सिंह कॉलेज में बैठक कर रोष जताया है। इस दौरान खालसा कॉलेज प्रिसिपल डा. सीमा शर्मा, राजकीय कॉलेज प्रिसिपल रेखा शर्मा, डीएवीपीजी कॉलेज रामपाल सैनी, महिला महाविद्यालय प्राचार्या अनुराधा दहिया मौजूद रही। दयाल सिंह कॉलेज प्राचार्य डा. चंद्रशेखर भारद्वाज ने बताया कि अच्छे अंक लेने वाले विद्यार्थी भी दाखिला नहीं ले पा रहे हैं और किसी तरह की मदद करने पाने में असमर्थ हैं। समस्या के समाधान के लिए उच्चाधिकारियों से बातचीत की जा रही है ताकि छात्रों करियर सुरक्षित हो सके।

आज जारी होगी वेटिग लिस्ट, रजिस्टर्ड आवेदकों को मिलेगा दाखिला

डीएवीपीजी कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. रामपाल सैनी ने बताया कि उच्चतर विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार 11 जुलाई को वेटिग लिस्ट जारी की जा रही है। आवेदन करने के बावजूद जिन विद्यार्थियों के नाम लिस्ट में नहीं आ सके लिस्ट के आधार पर कॉलेज की तरफ से उन्हें एसएमएस करके बुलाया जाएगा। कॉलेजों में दाखिले की कमी के कारण विभाग ने यह रास्ता निकाला है। वेटिग में रजिस्टर्ड विद्यार्थियों के नाम ही डाले जाएंगे। 16 जुलाई को फिजिकल वेरिफिकेशन से प्रिसिपल स्तर पर दाखिला दिया जाएगा। इसके अलावा, सीट वेकेंट होने छात्र अपना कॉलेज भी परिवर्तन करवा सकेंगे।

राजकीय कॉलेज का मुख्य द्वार बंद करके जताया रोष

एनएसयूआइ, इनसो और एसएफआइ के सदस्यों ने सुबह सेक्टर-14 राजकीय कॉलेज के मुख्यद्वार को बंद करके उच्चतर विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष जताया। इनसो जिला प्रधान राहुल तोमर, कुरुक्षेत्र से अमन जोशी, एनएसयूआइ के जिला प्रधान अमन पन्नू, महासचिव अमित सरोहा ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 80 फीसद तक फीसों में वृद्धि करके विभाग ने शिक्षा महंगी कर दी है। सरकारी कॉलेजों में जरूरतमंद छात्र पढ़ते हैं और उनकी पढ़ाई में अड़चन डाल दी गई है। इस बार चालू की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया फ्लॉप साबित हो रही है। कॉलेजों में दाखिला न मिलने के कारण वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं। छात्र संगठन सदस्यों ने लघुसचिवालय में शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर विद्यार्थियों को राहत देने की मांग की।


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