गरीबों को प्लॉट देने में गड़बड़झाला
शहर की वाल्मीकि बस्ती को शिफ्ट करने में गोलमाल किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, करनाल : गरीबों के हक पर एक बार फिर डाका डाला जा रहा है। इस बार यह कड़वी हकीकत शहर की वाल्मीकि बस्ती को शिफ्ट करने से जुड़ी बहुआयामी कवायद के तहत नुमाया हुई है। योजना में एक छोटा सा आशियाना पाने की आस लगाए बैठे कुछ पात्रधारकों की तरफ से आरोप लगाया गया है कि हुडा के अधिकारियों ने नियम-कायदे ताक पर रखकर एक ही परिवार के कई लोगों को प्लॉट आवंटित कर दिए। सर्वे में भी धांधली की गई। इससे जुड़े तमाम दस्तावेजों के साथ शिकायतकर्ताओं ने पूरा मामला डीसी और एसपी से लेकर गृहमंत्री तक पहुंचाने का दावा किया है। हुडा प्रशासन का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाई गई। फिर भी किसी को कोई दिक्कत है, तो इसे बारीकी से देखा-परखा जाएगा।
दरअसल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने अपने इस बहुप्रचारित प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-12 की वाल्मीकि बस्ती को विस्थापित करने की मुहिम शुरू की थी। इसके लिए कुछ ही समय पहले सेक्टर-16 में देने वाले प्लॉटों की पजेशन ऑफर की गई थी। इसी क्रम में प्राधिकरण की ओर से बाकायदा पजेशन लेटर भी डिस्पैच किए किए गए, जिसे पाने के साथ ही कई प्लॉट धारकों ने मौके पर अपने घर बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी। लेकिन, अब इसी को लेकर नए विवाद ने सिर उठा लिया है।
इस बाबत मॉडल टाउन वाल्मीकि बस्ती सूरजप्रकाश ने समाजसेवी विद्या लौट को साथ लेकर डीसी निशांत यादव और एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया से मिलकर बताया कि वह तीन पीढि़यों से मॉडल टाउन की बस्ती में रह रहा है। यह बस्ती सेक्टर-16 में शिफ्ट की जा रही है, जहां विस्थापित लोगों को 50-50 वर्ग गज के प्लॉट मिलने हैं।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि हुडा की टीम ने योजना के सर्वे में धांधली की, जिसके तहत न सिर्फ बस्ती के ही एक दबंग व्यक्ति के घर पर बैठकर सर्वे की खानापूर्ति कर ली गई बल्कि, तमाम नियम-कायदे ताक पर रखकर एमसी एरिया में आने वाले कई लोगों को भी सेक्टर-16 में प्लॉट आवंटित कर दिए गए। इनमें शामिल कुछ लोग वस्तुत: वाल्मीकि बस्ती के निवासी तक नहीं हैं। इतना ही नहीं, आरोप है कि सबसे बड़ा गोलमाल योजना के तहत सुनियोजित ढंग से एक ही परिवार के कई लोगों को प्लॉट आवंटित करने में किया गया। सूरज ने इसकी शिकायत गृहमंत्री सहित शासन में भी विभिन्न स्तरों पर की है।
पारदर्शिता का रखा ध्यान
इस मामले में हुडा प्रशासन फिलहाल कुछ ज्यादा कहने से बच रहा है। इस बाबत, प्राधिकरण की एस्टेट ऑफिसर डॉ. अनुपमा ने बताया कि योजना के तहत सर्वे की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा गया। अधिकारियों व इंजीनियरों की टीम ने आवेदकों को पर्याप्त अवसर भी दिए। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई। फिर भी यदि किसी को कोई आपत्ति है, तो इससे जुड़ा पहलू दिखवाया जाएगा।
नहीं होने देंगे नाइंसाफी
योजना में पीड़ित पक्ष का साथ दे रहीं समाजसेवी विद्या लौट का कहना है कि नाइंसाफी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले में जिस तरह गरीबों को हक से वंचित किया जा रहा है, उसका हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा। वे हर सीमा तक आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। जरूरी हुआ तो आंदोलन का रास्ता भी अपनाया जाएगा।