रूट पर चलीं सिर्फ 50 बसें, भटकते रहे यात्री
जागरण संवाददाता, करनाल रोडवेज की हड़ताल सोमवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गई। सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच बात नहीं बनने का खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि हड़ताल के कारण स्थिति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन सोमवार को स्थिति गंभीर थी।
जागरण संवाददाता, करनाल
रोडवेज की हड़ताल सोमवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गई। सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच बात नहीं बनने का खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि हड़ताल के कारण स्थिति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन सोमवार को स्थिति गंभीर थी। महज 50 बसें ही रूटों पर दौड़ी, जिस कारण यात्रियों को भटकना पड़ा। परेशान यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए निर्धारित किराये से ज्यादा देने पड़े। इधर, तीन दिन की ओर हड़ताल बढ़ जाने के कारण प्रशासन की सांसे फूल गई हैं। अब देखना यह होगा कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए क्या रवैया अपनाया जाता है। 720 बसों के विरोध में चल रही इस हड़ताल के दूसरे दिन प्रशासन ने पुलिस कर्मचारी और अन्य विभागों के कर्मचारियों से बसों को चलवाने का प्रयास किया था, लेकिन यह सफल नहीं हो पाया। स्कूली बसों को भी सोमवार को रूटों पर नहीं दौड़ाया गया। अब रोडवेज के पास क्या विकल्प बचा है यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है। बिजली कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में उतरे
हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन से जुड़े बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। रोडवेज कर्मचारियों को समर्थन देते हुए बिजली कर्मचारियों ने यह आंदोलन शुरू किया है। एचएसईबी वर्कर यूनियन की हड़ताल का सोमवार को पहला दिन था। बिजली विभाग के सिटी डिविजन के अंतर्गत सभी सब डिविजनों में काम बंद कर हड़ताल पर रहे। सेक्टर 12 स्थित राजीव गांधी विद्युत सदन में कर्मचारी इकट्ठा हुए। इस मौके पर एचएसईबी यूनियन के प्रदेश महासचिव बाल कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार रोडवेज कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात करना बंद करे। रोडवेज का निजीकरण कर सरकार जनता से अपना पीछा छुड़ाना चाहती है। रोडवेज के बेड़े में 720 निजी बसें लाने से कर्मचारियों और जनता को नुकसान होगा। एक वीडियो से रद हो गई स्टाफ की भर्ती
रोडवेज में चल रही हड़ताल के चलते सरकार ने निर्देश जारी किए कि हड़ताल चलने तक कांट्रेक्ट बेस पर कंडक्टर और ड्राइवर की भर्ती की जाए। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सोमवार को बस स्टैंड पर आवेदन लेना शुरू कर दिए। युवा दिनभर जीएम कार्यालय के बाहर आवेदन जमा कराते रहे। पूरा दिन माथापच्ची में गुजर गया। सरकार के निर्देशानुसार इस भर्ती की लिस्ट आज ही लगाई जानी थी, लेकिन किसी युवक ने वीडियो बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा और मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। शाम ढलते ही चंडीगढ़ से भर्ती कैंसिल करने के निर्देश जारी हो गए। एक दिन में 1200 आवेदन आए
जीएम कार्यालय के बाहर हॉल आवेदन करने आए युवाओं से भर गया। आउटसोर्सिंग पॉलिसी-2 के तहत भी आवेदन जमा किए। एक दिन में 1200 से अधिक आवेदन जमा हो गए। हालांकि 25 अक्टूबर तक यह आवेदन जमा होने हैं, लेकिन एक-दूसरे को देख आवेदकों की लंबी लाइनें लग गई। अब तक इस पॉलिसी के तहत 3500 आवेदन जमा हो चुके हैं।