संस्कार और दफनाने की रिपोर्ट अब ऑनलाइन सरकार को भेजी जाएगी
शहरी क्षेत्रों में स्थित शिव धाम (श्मशान घाट) व कब्रिस्तान में होने वाले संस्कार और दफनाने की रिपोर्ट अब ऑनलाइन सरकार को भेजी जाएगी। शहरी स्थानीय निकाय हरियाणा की ओर से इसे अनिवार्य कर इन कार्यो के लिए बनी कमेटियों को ऑनलाइन रिपोर्टिग की जिम्मेदारी दी गई है।
जागरण संवाददाता, करनाल : शहरी क्षेत्रों में स्थित शिव धाम (श्मशान घाट) व कब्रिस्तान में होने वाले संस्कार और दफनाने की रिपोर्ट अब ऑनलाइन सरकार को भेजी जाएगी। शहरी स्थानीय निकाय हरियाणा की ओर से इसे अनिवार्य कर इन कार्यो के लिए बनी कमेटियों को ऑनलाइन रिपोर्टिग की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में प्रत्येक संस्कार अथवा दफनाने की रिपोर्ट कमेटी के संचालक या केयर टेकर को यूएलबी के पोर्टल पर डालनी होगी और इसके लिए कमेटी को 500 रुपये प्रति संस्कार महीने के अंत में मिलेंगे, जो नगर निगम या पालिकाएं अपने संसाधनों से जुटाएंगी। इस संबंध में शुक्रवार को शहर के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थानीय निकाय विभाग की ओर से ऑनलाइन डैथ रिपोर्टिग सिस्टम को लेकर प्रदेश स्तरीय वर्कशॉप आयोजित की गई। वर्कशॉप में प्रदेश के तमाम शहरी क्षेत्रों में बनी संस्कार कमेटियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
केयर टेकर मोबाइल या टेबलेट से पोर्टल पर करेगा रिपोर्टिग
श्मशान घाट का केयर टेकर मोबाइल एप या टेबलेट के जरिए पोर्टल पर किसी भी मृत्यु की रिपोर्टिंग करेंगे। जिसमें मृतक का नाम, पिता या पति का नाम, आयु, मृत्यु की तिथि व स्थान तथा वर्तमान व स्थायी पता जैसी सूचनाएं अपलोड करनी होंगी। जिस संस्था या सभा में संस्कार किया गया है, उसका पता भी देना होगा। केयर टेकर हर महीने इस डाटा को एक्सल में तैयार कर कमेटी के चेयरमैन जो नगर पालिका सचिव या नगर निगम सचिव को देंगे, ताकि उन्हें प्रति संस्कार के हिसाब से 500 रुपये की राशि प्राप्त हो सके। इस कार्य के लिए गठित कमेटी में चेयरमैन के अलावा जिस वार्ड में श्मशान घाट या कब्रिस्तान है, उसका पार्षद बतौर सदस्य रहेगा। इसी प्रकार एक महिला, एक अनुसूचित जाति के सदस्य तथा दो अन्य सामाजिक व्यक्ति या 4 सदस्य और शामिल रहेंगे यानि कमेटी में 6 सदस्य होंगे। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में इस तरह की 640 कमेटियां पहले ही गठित हैं।
डैथ रिपोर्टिग सिस्टम को लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य
विभाग की संयुक्त निदेशक मीनाक्षी राज ने बताया कि डैथ रिपोर्टिग सिस्टम को अनिवार्य रूप से ऑनलाइन करने वाला हरियाणा देश का पहला प्रदेश है। स्थानीय शहरी विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक राठी ने बताया कि हरियाणा में शहरी क्षेत्रों के अंदर 798 श्मशान घाट व कब्रिस्तान हैं। इनमें से 158 ऐसे हैं, जिनकी कोई भी देखरेख नहीं कर रहा है। अब इन्हे आदेश दिए गए हैं कि अगले कुछ दिनों में अपनी-अपनी कमेटियां बनाकर सरकार को इस संबंध में सूचित करें, ताकि उनके यहां होने वाली मृत्यु की रिपोर्टिग भी पोर्टल के माध्यम से सरकार को प्राप्त हो सके। उप निगमायुक्त करनाल धीरज कुमार ने अधिकारियों का स्वागत किया।
प्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
वर्कशॉप में भाग लेने आए प्रतिनिधियों ने अधिकारियों के सामने अपनी अपनी समस्याएं और सुझाव रखे।
कटआउट
कब्रिस्तान की चाहरदीवारी के लिए चाहिए रास्ता: इल्मुद्दीन
यमुनानगर से आए इल्मुद्दीन ने कहा कि उनके क्षेत्र के कब्रिस्तान की चाहरदीवारी नहीं है और रास्ता भी कच्चा है। तरावड़ी शिवपुरी के पदाधिकारी नरेश बंसल ने कहा कि उनकी शिवपुरी की सफाई की ओर नगर पालिका ध्यान नहीं देती है। कई अन्य प्रतिनिधियों ने भी अपनी शिकायतें रखी। इस पर अधिकारियों ने समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।
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