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श्री कर्णेश्वरम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

जागरण संवाददाता, करनाल : श्री कर्णेश्वरम मंदिर में श्री कर्णेश्वर भागवत समिति की ओर से श्रीमद

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 02:25 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 02:25 AM (IST)
श्री कर्णेश्वरम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ
श्री कर्णेश्वरम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

जागरण संवाददाता, करनाल : श्री कर्णेश्वरम मंदिर में श्री कर्णेश्वर भागवत समिति की ओर से श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन की कथा में भागवत कथा महापुराण विश्व विख्यात भगवाताचार्य कथा व्यास देवी चित्रलेखा ने कहा कि सुखदेव जी ने परीक्षित को कथा के नियम बताते हुए कहा कि कथा को भाव पूर्ण, कथा मे मनुष्य को एकाग्र मन से सुनना चाहिए जो कथा में बैठकर वाचक की ¨नदा और विघ्न डालते है उनको अगले जीवन मे उनके पापों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जीव चौरासी लाख योनियों के चक्कर में घूमता है और इन योनियों में प्रभु सिमरन नहीं कर सकता। एक मानव जीवन ही ऐसा है, जिसमें इंसान प्रभु का नाम सिमरन करके भवसागर से पार हो सकता है। भागवत आचार्य साघ्वी चित्रलेखा ने कहा कि भगवान को अपने भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए एक चींटी का रूप धारण करना पड़ा। भगवान कभी भी अपने भक्तों का हाथ नहीं छोड़ते। इसलिए इंसान को कभी भी प्रभु को नहीं भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य भागवत कथा को सुनता या करवाता है वह कई जन्मों के पापों से छुटकारा पाता है। कथा के दूसरे दिन अटूट भंडारा चलता रहा। इस अवसर पर प्रधान नरेश गुप्ता, प्रवीन गर्ग, पुनीत मित्तल, नवदीप मित्तल, सीपी गोयल, हरबिलास गुप्ता, पंकज गर्ग, राधेश्याम गर्ग, राजेश गुप्ता, विमल बंसल, मनोज गर्ग, अजय गुप्ता और संजय गुप्ता मौजूद थे।

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