माया रूपी पांच विकास से छुटकारा ही असली स्वतंत्रता
सेक्टर-सात स्थित सेवा केंद्र में आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। संचालिका ब्रह्मकुमारी प्रेम दीदी ने कहा कि एक तरफ हमारा भारत स्वतंत्र है वहीं दूसरी ओर हम काम क्रोध लोभ मोह अहंकार रूपी विकारों की जेल में परतंत्र हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : सेक्टर-सात स्थित सेवा केंद्र में आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। संचालिका ब्रह्मकुमारी प्रेम दीदी ने कहा कि एक तरफ हमारा भारत स्वतंत्र है वहीं दूसरी ओर हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी विकारों की जेल में परतंत्र हैं। सच्ची स्वतंत्रता हमें तभी मिलेगी जब हम माया रावण रूपी पांच विकारों की जेल से स्वतंत्र होंगे।
रक्षा बंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए प्रेमदीदी ने कहा कि रक्षा हमें किस चीज से चाहिए और वो रक्षा कौन कर सकता है। वास्तव में आत्मा को पांच विकारों से रक्षा चाहिए। दुखों, संकटों व विघ्नों से रक्षा चाहिए। काल के पंजे से रक्षा चाहिए। धर्म व अस्तित्व की रक्षा चाहिए। यह सब रक्षा देने वाला केवल एक परमरक्षक परमात्मा ही हो सकता है। ब्रह्मकुमारी शिखा बहन, रेणू बहन, जेआर कालड़ा, रूप नारायण चांदना, नरेंद्र गुप्ता, एमएल मदन ने भी अपने विचार रखे। बालिका काजल ने देश मेरा रंगीला गीत पर नृत्य कर समा बांधा। ब्रह्माकुमारी प्रेम, ब्रह्माकुमारी संगीता ने मौके पर उपस्थित लोगों को प्रभु के प्यार का प्रतीक राखी बांधी। शिखा बहन, रेणू बहन ने सबको तिलक लगाया। सेवा केंद्र के प्रांगण में पौधा गया गया।
इस मौके पर दीपक गुप्ता, ओमनाथ मलिक, ललित सरदाना, रितेश विज, राजिद्र विज, सुरेश अग्रवाल, नवनीत शर्मा, रामनिवास गुप्ता, सुरेश गोयल, सतीश गोयल, महेश गुप्ता, रश्मी, निशा, काजल, संजना, आरती मौजूद रहे।