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बारिश : शहर में स्वागत, गांव में आफत

जागरण संवाददाता, करनाल शहर में शनिवार को 38 एमएम बारिश हुई। दस्तक देती सर्दी की आहट महसूस कर शहर के लोग इसे गर्मियों की विदाई के तौर पर ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 01:39 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 01:39 AM (IST)
बारिश : शहर में स्वागत, गांव में आफत
बारिश : शहर में स्वागत, गांव में आफत

जागरण संवाददाता, करनाल

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शहर में शनिवार को 38 एमएम बारिश हुई। दस्तक देती सर्दी की आहट महसूस कर शहर के लोग इसे गर्मियों की विदाई के तौर पर ले रहे हैं। इस वजह से वे खासे खुश नजर आ रहे थे। इसके विपरीत गांवों में यह बारिश आफत का सबब बनी। किसान दुआ कर रहे हैं, बस.. अब बारिश न हो। मौसम विभाग जो संभावना जता रहा है, उससे तो लगता है उनकी दुआ कुबूल नहीं हुई। मौसम एक, लेकिन इसकी रंगत अलग-अलग थी। शनिवार का दिन कुछ ऐसा ही रहा। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में तेज बारिश हो सकती है। 23 और 24 सितंबर को तेज हवाओं के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना बनी है।

सुबह साढ़े सात बजे बारिश शुरू होते ही मौसम ने पलटी मारी। शहर में कुछ जगह जलभराव हुआ। सीए आदित्य ने बताया कि कई दिनों से पड़ रही गर्मी से शनिवार को राहत महसूस हुई। ऐसा ही अनुभव राजकुमार व दीपक भी रहा।

इसके विपरीत किसानों को मुश्किल का सामना करना पड़ा। उनकी फसल तैयार है। एक-एक बूंद पानी उनकी मेहनत खराब कर रही है। 55 हजार किसान दिनभर आसमान में टकटकी लगाए बारिश बंद करने की दुआ करते रहे। एक लाख 68 हजार हेक्टेयर धान रोपा हुआ है। करीब 65 प्रतिशत धान खराब होने के कगार पर है। किसान विनोद, धीरज व अनूप ने बताया कि यह बारिश का सही समय नहीं था। यह बारिश नुकसान कर रही है। पकी फसल पर पानी लगने से दाने खराब हो जाएंगे। हवा चली तो फसल खेत में बिछ जाएगी। इसे काटना भी मुश्किल हो जाएगा। अनूप ने बताया कि यदि एक एकड़ धान बिछ जाती है तो सीधे 30 प्रतिशत उत्पादन घट जाता है। ज्यादा नुकसान 1509 उत्पादकों को

यह बासमती की किस्म है। फसल तैयार है। अगेती किस्म होने की वजह से इसे समय पर काटना जरूरी है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी 60 प्रतिशत 1509 पर संकट है। यदि बारिश जारी रही तो नुकसान बढ़ेगा। अन्य किस्म भी सुरक्षित नहीं

इधर साधारण किस्म के धान में पॉलिन हो रहा है, बरसात के साथ तेज हवा से पॉलिन झड़ जाता है। इससे दाना कमजोर होने की आशंका बन जाती है। कृषि विशेषज्ञ डाक्टर रोहित चौहान ने बताया कि दोनों पर धब्बा आ सकता है। इससे चावल की चमक और साइज पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही उत्पादन भी प्रभावित होगा। बरसात से हमें भी ¨चतित होना चाहिए, क्योंकि:

आप यदि चावल खाने के शौकीन है तो इस पर बरसात का असर पड़ सकता है। निर्यात पर असर पड़ सकता है। चावल की टूट बढ़ जाती है, इससे सरकारी धान कुटाई करने वाले 380 मिलर्स के लिए दिक्कत आ सकती है। बासमती धान का उत्पादन कम होने से इसके रेट ज्यादा बढ़ सकते हैं। फसल खराब तो 48 घंटे में कृषि विभाग को दें जानकारी

डिप्टी डायरेक्ट एग्रीकल्चर डाक्टर आदित्य डबास ने किसानों को सलाह दी कि खेत से पानी तुरंत निकाल दें। धान को सुखाकर मंडी में लाएं। यदि धान को नुकसान हुआ है तो 48 घंटे में कृषि विभाग में लिखित में इसकी जानकारी दें। लापरवाह अफसरशाही: मंडी में भी संकट में धान

एक तो कुदरत ने किसानों पर बारिश के रूप में कहर बरपा दिया। इसकी पीड़ा लापरवाह अफरशाही और अधिक बढ़ा रही है। हालात यह रहे कि जिले की 13 में से एक भी मंडी में बारिश से बचाने के इंतजाम नहीं है। मार्के¨टग बोर्ड के अधिकारियों ने दावा किया था कि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। लेकिन अनाज ढकने के लिए गज भर की तिरपाल भी किसानों को उपलब्ध नहीं कराई गई। अब अधिकारी आढ़तियों को निर्देश दे रहे हैं। घरौंडा : किसान ही जानते हैं दर्द

मंडी सचिव नरेश मान ने कहा कि पानी निकलने में समय लगता है। किसानों ने बताया कि सचिव यदि खुद किसान होते तो दर्द मालूम होता। तरावड़ी : खेतों में बिछ गई फसल

इलाके में तैयार फसल खेतों में बिछ गई। किसान गहरे सदमे हैं। धान गिरने से उत्पादन पर औसतन 10 से लेकर 30 प्रतिशत तक असर पड़ सकता है। किसान नरेश कुमार, बलवान ¨सह ने बताया कि सरकार स्पेशल गिरदावरी करा किसानों को उचित मुआवजा दें।


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