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लाखों की कीमत से निर्मित पब्लिक शौचालय लोगों के लिए बना सफेद हाथी

भले ही नगरपालिका प्रशासन ने मुख्य बाजार में थाना के पास करीब दस लाख की लाख की लागत से बना शौचालय किसी के काम नहीं आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 06:20 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 06:20 AM (IST)
लाखों की कीमत से निर्मित पब्लिक शौचालय लोगों के लिए बना सफेद हाथी
लाखों की कीमत से निर्मित पब्लिक शौचालय लोगों के लिए बना सफेद हाथी

संवाद सूत्र, निसिग : भले ही नगरपालिका प्रशासन ने मुख्य बाजार में थाना के पास करीब दस लाख की लागत से पब्लिक शौचालय का निर्माण करवाया हो, बावजूद इसके लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिला पाया। क्योंकि लोकार्पण के करीब एक माह बाद ही शौचालय पर ताले जड़ दिए गए थे। जिससे बाजार के लोगों के सामने फिर से वही समस्या खड़ी हो गई। हालांकि करीब एक किलोमीटर लंबे मुख्य बाजार में महज दो ही शौचालय है, जो पर्याप्त नहीं है। जिनमें से विकलांग व महिलाओं के लिए बनाया गया। महज एक ही शौचालय है जो बंद पड़ा है। मार्केट के दुकानदारों को नौकर के भरोसे दुकान को छोड़ शौच के लिए घर जाना पड़ता है या फिर दुकान को कुछ देर के लिए बंद करना पड़ता है। शिकायत के बाद भी नपा प्रशासन ने समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। शौचालय खोलने को लेकर लोगों की बार-बार मांग के बाद भी नपा प्रशासन के कान पर जूं तक नही रेगी। जो अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है। शौचालय पर लिख दिया 24 घंटे खुला दुकानदार प्रदीप शर्मा का कहना था कि नपा प्रशासन ने शौचालय के आगे दीवार पर 24 घंटे खुला होने की लाइने लिखी है, लेकिन दिनों की बात करें तो शौचालय उद्घाटन के 24 दिन बाद तक भी नहीं खुला। महज 15 से 20 दिनों में ही शौचालय को ताले लगा दिए गए थे। वहीं शौचालय में समुचित साफ सफाई का भी अभाव था।

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बाजार में लोग परेशान ईश्वर सिगला के अनुसार शौचालय निर्माण में घटिया सामान का इस्तेमाल किया गया। शौचालय में लगे पानी स्प्रेटर की कीमत 25 पैसे हैं। स्टील की जगह प्लास्टिक के नल लगे हैं। जिनकी कीमत दस से 15 रुपए हैं। जो अधिक समय तक नही चल सकते। निसिग नपा के भरोसे नहीं बल्कि रामभरोसे है। यहां कोई दिल से कार्य करवाने की सोचता तक नहीं। समस्याओं के समाधान से लोगों को निजात दिलाने का अधिकारियों के मन में ख्याल तक नही आता। लोगों को नहीं मिल रहा शौचालय का लाभ सुखचैन सिंह के अनुसार यदि शौचालय बंद ही रखने थे तो इनपर करीब दस लाख रुपए खर्च करने की क्या जरूरत थी। शौचालय बंद रहना सरकार की राशि के दुरुपयोग के समान है। लोग इससे पहले भी परेशान थे और बनने के बाद भी स्थित वही है। प्रशासन को लोगों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए शौचालय खुलवाने चाहिए। ताकि बाजार में लोगों को सुविधा हो। महिलाओं को होती अधिक परेशानी सुभाष के अनुसार आसपास के दुकानदारों को ही नहीं बल्कि क्षेत्र के विभिन्न गांवों से बाजार में खरीदारी के लिए पहुंचने वाली महिलाओं के लिए महज एक ही शौचालय बना हुआ है। जो अधिकारियों की मनमर्जी का शिकार है। अभी तक लोगों को इस बात की जानकारी नही है कि शौचालय कितने दिन ओर बंद रहने वाला है। लेकिन यह सच है कि लोगों को शौचालय बनने का अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ।


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