आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन, जलाया पुतला
जागरण संवाददाता करनाल आशा वर्कर यूनियन ने सरकार की वादाखिलाफी और करनाल में पुलिस
जागरण संवाददाता, करनाल : आशा वर्कर यूनियन ने सरकार की वादाखिलाफी और करनाल में पुलिस प्रशासन द्वारा आशा वर्करों से धक्का मुक्की करने के विरोध में पुरानी सब्जी मंडी चौक पर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। सीएमओ कार्यालय से प्रदर्शन करती हुई आशा वर्कर सब्जी मंडी चौक पहुंची। सरकार के खिलाफ जोरदार लगाए गए। पुलिस द्वारा मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान धक्का मुक्की करने पर रोष जताया गया। वीरवार को आशा वर्कर गोहाना में रैली करेंगी। सीटू के जिला सचिव जगपाल राणा व आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान सुदेश ने कहा कि समझौतों को लागू न करके सरकार ने आशा वर्करों के साथ धोखा किया है। बार-बार सरकार धोखा देने का काम कर रही है। 20 अक्तूबर को सीएम के साथ वार्ता निश्चित हुई थी, मगर मुख्यमंत्री ने बातचीत नहीं की। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर अपनी मांगों को लागू करवा कर ही दम लेंगे। किसी भी सूरत में चुप नहीं बैठेंगी। इस अवसर पर कृष्ण शर्मा, ओपी माटा, रोशनलाल गुप्ता, जनेसरो, बिजनेश, रोशनी, सुमन व सुनीता ने आशा वर्करों को संबोधित किया। ये हैं मुख्य मांगें
मानदेय में की गई कटौती को तुरंत बाहल किया जाए। सभी आशा वर्कर्स को कोरोना महामारी में काम करने के लिए 4 हजार रुपए जोखिम भत्ता दिया जाए। प्रदेश भर में सभी आशाओं को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत करते हुए सभी अस्पतालों में डाक्टर, दवाइयां और जरूरी मशीनें उपलब्ध करवाई जाए। आशा वर्करों को पक्का कर्मचारी बनाया जाए, जब तक पक्का नहीं किया जाता तब तक मजदूर मानते हुए न्यूनतम वेतन लागू किया जाए और न्यूनतम वेतन 24 हजार घोषित किया जाए। आशाओं को ईएसआइ, पीएफ की सुविधा दी जाए। आशा वर्कर के मानदेय को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए।