पीएफ न देने वाली 705 कंपनियों की संपत्ति होगी अटैच
बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी अपने कर्मचारियों का पीएफ का पैसा जमा न करवाने वाली कंपनियों की संपत्ति अटैच की जाएगी।
करनाल [गगन तलवार]। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा उनके खाते में नहीं डलवाने वाली 705 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी न जागने वाली डिफॉल्टर कंपनियों की संपत्ति अटैच की जाएगी। रिकवरी के लिए बैंक खातों को भी अटैच किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने चार सदस्यों की टीम तैयार की है।
ईपीएफओ की सूची में करनाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आठ जिलों की 705 कंपनियों ने करीब पांच वर्षों से अपने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा उनके खाते में जमा नहीं कराया है। अगस्त 2017 में विभाग ने इन कंपनियों को संपत्ति अटैच करने तक का नोटिस भी भेजा था, लेकिन पैसा जमा नहीं कराया गया। इससे पहले संगठन ने इन्हें कारण बताओ के बाद सीपी-1, सीपी-25 और वारंट नोटिस भी जारी किया था।
4.34 करोड़ रुपये बकाया
अगस्त माह के रिकार्ड के अनुसार विभाग ने 879 डिफाल्टर कंपनियों को चिह्नित किया था। दो बार नोटिस जारी करने के बाद इनमें से 99 डिफाल्टर कंपनियों से 50 लाख रुपये की रिकवरी की गई, जबकि 75 कंपनियों का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। शेष बची 705 कंपनियों पर पीएफ का 4.34 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें करनाल, सोनीपत, पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला व यमुनानगर जिले की कंपनियां शामिल हैं। डिफाल्टरों में करनाल, पानीपत व अंबाला की दो-दो और कुरुक्षेत्र व सोनीपत की एक-एक कंपनी शामिल है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त रविकांत का कहना है कि कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं कराने वाली 705 डिफॉल्टर कंपनियों पर कार्रवाई के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर ली है। सोमवार से टीम फील्ड में उतरेगी। आठ जिलों की इन कंपनियों पर 4.34 करोड़ रुपये बकाया हैं।
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