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सरकार के विकास की पोल खेल रही गांव सौंकड़ा की समस्याएं

गांव सौंकड़ा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता हुआ भाजपा सरकार के विकास कार्यों की पोल खोल रहा है। सरकारें बदली सरपंच बदले लेकिन आज तक भी गांव सौंकड़ा के खस्ता हालात नही बदल पाए। गांववासियों का कहना है कि यहां पर गलियों की हालत बेहद खराब है तो नालियों में पानी खड़ा रहता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 07:36 AM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 07:36 AM (IST)
सरकार के विकास की पोल खेल रही गांव सौंकड़ा की समस्याएं
सरकार के विकास की पोल खेल रही गांव सौंकड़ा की समस्याएं

संवाद सहयोगी, तरावड़ी : गांव सौंकड़ा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता हुआ भाजपा सरकार के विकास कार्यों की पोल खोल रहा है। सरकारें बदली, सरपंच बदले, लेकिन आज तक भी गांव सौंकड़ा के खस्ता हालात नही बदल पाए। गांववासियों का कहना है कि यहां पर गलियों की हालत बेहद खराब है तो नालियों में पानी खड़ा रहता है। स्ट्रीट लाइट न होने के कारण गांव में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। वहीं गांव में जगह-जगह पर लगे गंदगी के ढेर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है। गांव सौंकड़ों में विकास कार्य न होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

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गांववासी रणजीत सिंह, करनैल सिंह, गुरमीत सिंह, अमरनाथ शर्मा, गुरनाम सिंह, कृष्ण कुमार, हरजीत सिंह, गुरमीत कौर, विक्रमजीत, सिमरनजीत कौर ने बताया कि गांव में कई सालों से नालियों की हालत खस्ता है, जिसमें पानी जमा रहता है। गांव में सफाई कर्मचारी सरपंच की गलियों में सफाई कर जाते हैं, लेकिन आज तक भी उन्होंने सरंपच की गली के अलावा कहीं ओर सफाई करने की जहमत तक नही उठाई। गांव की आबादी छह से सात हजार है, लेकिन गांव में समस्याओं का अंबार है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि एक गली में सीवरेज बिछाने के नाम पर ठेकेदार द्वारा प्रति घर से तीन हजार रुपए की एवज में 33 हजार रुपए एकत्रित कर लिए, लेकिन आज तक सड़क टूटी हुई है। ----बाक्स-----

बढ़ाए जाएं बसों के रूट

गांववासियों का कहना है कि गांव में छह से सात हजार रुपए की आबादी है। गांव में रोजाना बच्चे तरावड़ी के अलावा नीलोखेड़ी व करनाल स्कूल और कालेजों में जाते हैं, इसके अलावा गांववासी भी शहर की ओर रूख करते हैं, लेकिन गांव में बसों का रूट केवल एक ही है। उन्होंने मांग की है कि गांव में सरकारी बसों के रूट बढ़ाए जाएं, ताकि लोगों को खासी दिक्कत का सामना न करना पड़े।


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