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पीआर धान की नहीं हो रही खरीद तो दूसरी किस्मों के दाम भी लुढके

जहां पीआर धान की सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही है वहीं दूसरी किस्म के धान के भाव भी हर रोज लुढ़क रहे है। ऐसे में किसानों को जहां भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं वे अनाज मंडी में धान की ढेरियों का कई-कई दिनों तक पहरा देने को मजबूर हो रहे है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 09:10 AM (IST)
पीआर धान की नहीं हो रही खरीद तो दूसरी किस्मों के दाम भी लुढके

जागरण संवाददाता, करनाल :

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जहां पीआर धान की सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही है वहीं दूसरी किस्म के धान के भाव भी हर रोज लुढ़क रहे है। ऐसे में किसानों को जहां भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं वे अनाज मंडी में धान की ढेरियों का कई-कई दिनों तक पहरा देने को मजबूर हो रहे है। धान खरीद व सही मूल्य न होने से किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें बनी हुई है, वहीं उनके गेहूं बिजाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। धान न बिकने से खेत खाली नहीं हो पा रहे है तो किसानों को धान के घाटे के साथ-साथ समय पर गेहूं की बिजाई न हो पाने से इसमें भी नुकसान का भय दिखाई देने लगा है। किसानों के यह हालात उस समय बने हुए है जब सरकार ने उपज का दाना-दाना खरीद करने के दावे किए हैं। शुक्रवार तक भी पीआर धान की खरीद दोबारा से शुरू नहीं हो सकी तो बासमती धान के भावों में भी कमी दर्ज की गई, जिससे किसानों में निराशा छा गई। खरीद के लिए करनाल मंडी में ही अटका 50 हजार क्विंटल पीआर धान

बता दें कि करनाल अनाज मंडी में वर्तमान समय में करीब 50 हजार क्विंटल पीआर धान खरीद की इंतजार में पड़ा है जबकि आवक भी जारी है। इससे बासमती धान को डालने के लिए भी जगह की समस्या बन चुकी है। इसका खामियाजा किसानों के साथ-साथ आढ़तियों को भी भुगतना पड़ रहा है। सरकार को करनी चाहिए धान की खरीद : गोयल

राइस मिल एसोसिएशन के प्रधान एवं आढ़ती विनोद गोयल का कहना है कि सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए। मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री ने शपथ लेते ही दावा किया था कि दाना-दाना खरीदा जाएगा, लेकिन पीआर धान की भी आज तक खरीद नहीं की जा रही, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार इस धान की खरीद तत्काल शुरू करें। औने-पौने भावों पर बेच रहे धान : सुरेंद्र

धान लेकर मंडी में आए किसान सुरेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार पीआर धान नहीं खरीद रही, जिसके चलते उन्हें निजी खरीददारों को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है जबकि सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। धान बेचने से लेकर पेयजल तक की झेलनी पड़ रही परेशानी : विजेंद्र

धान लेकर आए किसान विजेंद्र ने कहा कि यहां धान बेचने से लेकर पेयजल व अन्य समस्याएं भी झेलनी पड़ रही है। पिछले कई दिनों से पीआर धान की खरीद बंद पड़ी है, जिसे आज तक दोबारा चालू नहीं कराया जा सका है। सरकार को चाहिए की धान खरीद के आदेश जारी करे। इतनी बुरी स्थिति पहले कभी नहीं हुई : गुरदेव

धान बेचने के लिए गांव दरड़ से आए किसान गुरदेव सिंह ने कहा कि धान खरीद को लेकर जो बुरी स्थिति किसान को अब झेलनी पड़ रही है, ऐसी पहले कभी नहीं रही। पीआर धान खरीद नहीं की जा रही तो बासमती किस्म के धान के भाव हर रोज कम हो रहे है। पिछले साल 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकने वाली धान का इस बार भाव महज 2200 रुपये तक रह गया है। एक दिन में ही गिर गए 300 रुपये तक भाव : जानपाल

गांव बसी वासी किसान जानपाल ने कहा कि बासमती किस्म के धान के भाव एक दिन में ही 300 रुपये तक कम हो गए है। हालात यह है कि वर्तमान में एक हजार रुपये तक भाव अब तक कम हुए है। वहीं पीआर धान की खरीद नहीं हो रही और उन्हें यहां पहरा देने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे गेहूं बिजाई भी प्रभावित हो रही है। आज से फिर शुरू होगी पीआर धान की खरीद : सचिव

मार्केट कमेटी सचिव सुंदर सिंह का कहना है शनिवार को पीआर धान की खरीद फिर से शुरू हो जाएगी, जिसके लिए आदेश मिल चुके है। खरीद तीनों एजेंसियों द्वारा की जाएगी, लेकिन उन्हीं किसानों की धान खरीदी जाएगी जिन्होंने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना के तहत पंजीकरण कराया हुआ है।


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