जिले के 84 से अधिक प्री-नर्सरी स्कूलों पर गाज गिरना तय
फर्जी तरीके से चल रहे प्ले स्कूलों में 3 से 6 साल के बच्चों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। नेशनल कमीशन फार प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राइट (एनसीपीसीआर) ने इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : फर्जी तरीके से चल रहे प्ले स्कूलों में 3 से 6 साल के बच्चों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। नेशनल कमीशन फार प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राइट (एनसीपीसीआर) ने इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार किए हैं। नियमों के आधार पर ही सभी प्ले स्कूलों की मान्यता हर साल रिन्यू होगी और जिले में 84 से अधिक प्री-नर्सरी स्कूलों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास कार्यालय की सीडीपीओ की ओर से प्ले स्कूलों में खामियों का आंकलन किया जा रहा है। अब तक 17 से अधिक स्कूलों की रिपोर्ट तैयार कर दी गई है। बीईओ कार्यालय से भी कर्मचारी जांच में शामिल किए गए हैं।
लेनी होगी मान्यता
जिला अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट प्ले स्कूलों को गाइडलाइन को पूरा कर मान्यता लेनी होगी, नहीं तो उन्हें बंद किया जाएगा। प्ले स्कूल में हर 20 बच्चे पर 1 टीचर और 1 केयरटेकर रखना जरूरी होगा। ये बच्चे 3 से 6 साल के बीच के हो सकते हैं। कोई भी प्राइवेट स्कूल बिना सक्षम अथॉरिटी से मान्यता लिए बिना नहीं चल पाएगा। अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि प्ले स्कूल में पर्याप्त स्टाफ है और हाईजीन, सेनिटेशन, सेफ्टी का पूरा इंतजाम है। साथ ही सीसीटीवी इंस्टॉल करना भी जरूरी होगा।
इन मापदंडों की पालना जरूरी
प्ले स्कूल की बिल्डिग में बाउंडरी वॉल होना जरूरी होगा साथ ही वेंटिलेशन का भी पूरा इंतजाम करना होगा। बच्चों के लिए एक अलग से रेस्ट रूम भी बनाना होगा, साथ ही लड़के और लड़कियों के लिए अलग से चाइल्ड फ्रेंडली और दिव्यांगों की जरूरत के अनुसार टॉइलट जरूरी होगा। प्ले स्कूल में साफ पानी की सुविधा के साथ ही एक पेंट्री भी जरूरी होगी। फायर सेफ्टी के साथ ही पेस्ट कंट्रोल का भी ध्यान रखना होगा। यह प्ले स्कूल बच्चों को प्री स्कूल एजुकेशन भी देंगे। पढ़ाने का वक्त एक दिन में 3-4 घंटे से ज्यादा नहीं होगा।
हर वर्ष मान्यता रिन्यू करानी होगी
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला ने बताया कि विभाग की ओर से प्ले स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। स्कूल के लिए आवेदन करने के बाद सीडीपीओ के साथ अफसरों की टीम स्कूल का निरीक्षण करेगी और सभी मानक पूरे होने पर एक साल की मान्यता दी जाएगी। हर साल इन स्कूलों को नए सिरे से मान्यता रिन्यू करानी होगी। नियमों को पूरा न करने वाले स्कूलों को विभाग की तरफ से बंद किया जाएगा।