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सीएचसी में चिकित्सकों एवं संस्थानों का टोटा, कोरोना मरीजों का नहीं हो रहा उपचार

दो मंजिल शानदार भवन वाली निसिग की सीएचसी कोरोना के 10 मरीजों को एक साथ उपचार देने की क्षमता रखती हैं। लेकिन चिकित्सकों एवं संसाधनों के अभाव में क्षेत्र के संक्रमित मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा। लोगों को करनाल के निजी अस्पतालों में महंगे खर्च पर इलाज करवाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 08:08 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 08:08 AM (IST)
सीएचसी में चिकित्सकों एवं संस्थानों का टोटा, कोरोना मरीजों का नहीं हो रहा उपचार
सीएचसी में चिकित्सकों एवं संस्थानों का टोटा, कोरोना मरीजों का नहीं हो रहा उपचार

अनिल भार्गव, निसिग: दो मंजिल शानदार भवन वाली निसिग की सीएचसी कोरोना के 10 मरीजों को एक साथ उपचार देने की क्षमता रखती हैं। लेकिन चिकित्सकों एवं संसाधनों के अभाव में क्षेत्र के संक्रमित मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा। लोगों को करनाल के निजी अस्पतालों में महंगे खर्च पर इलाज करवाना पड़ रहा है।

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वहीं अस्पतालों में भीड़ के कारण संक्रमित के साथ ही नहीं, बल्कि दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए जाने वाले मरीज व उनके तीमारदारों के संक्रमित होने की संभावना भी बनी रहती हैं। अस्पतालों में उमड़ने वाली भीड़ के कारण भी संक्रमण फैल सकता है। यदि सीएचसी स्तर पर इलाज की व्यवस्था की जाए तो इससे लोगों को अपने ही क्षेत्र में उपचार की सुविधा मिलने के साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के चांस भी कम होंगे। वही शहरों के अस्पतालों की भीड़ भी घटेगी।

हालांकि निसिग सीएचसी में अभी कोरोना मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। संसाधनों के अभाव में मजबूरन लोगों को ना चाहते हुए भी करनाल का रुख करना पड़ रहा है। इसके बावजूद विभाग ने सीएचसी को कोविड केयर सेंटर नहीं बनाया। वहीं क्षेत्रवासी भी सीएचसी में ही अपना उपचार करवाने की चाह रखते हैं। सीएचसी में फिलहाल यह व्यवस्था

एसएमओ डा. राजेश जोहरी के अनुसार सीएचसी निसिग में 10 बेड की व्यवस्था है, जो मौके पर खाली हैं। 11 स्टाफ नर्स, चार छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर व दो कंसंट्रेटर सहित मास्क, सैनिटाइजेशन की कोई कमी नहीं है। सीएचसी भवन की पहली मंजिल पर एक साइड में बने कमरों में संक्रमित व्यक्तियों का इलाज संभव है। डॉक्टरों सहित सामान का अभाव

निसिग की सीएचसी में तीन चिकित्सकों की पोस्ट है। लेकिन मौके पर केवल एक स्थाई चिकित्सक ही मौजूद है। जबकि एक चिकित्सक को 14 दिन के लिए डेपुटेशन पर बुलाया हुआ है। सीएचसी में मौजूद एक स्थाई चिकित्सक संक्रमित हैं, जिसका करनाल में उपचार चल रहा है। वही पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत है। सीएचसी में संसाधनों की पूर्ति सरकार एवं समाजसेवियों के सहयोग से भी संभव है। इन गांवों में इतने लोग संक्रमित

निसिग क्षेत्र के बस्तली गांव में 13, महमल में एक, गुनियाना में तीन, गोंदर में 42 व रणजीत नगर में दो, ओंगद में 41 व अलीपुर में एक, डाचर में आठ व गोविदगढ़ में दो, निसिग में 147, ब्रास में दो, सांभली 6, अमूपुर में 3 व बालू में दो, सिगडा में तीन, मोतिया में एक, जलाला एक, बेहलोलपुर एक, जुंडला 40, मंजूरा 11, पिचोलिया दो, गुल्लरपुर एक, कतलाहेड़ी 6,बांसा एक, हथलाना एक, व दादूपुर में एक संक्रमित हैं।


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