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पीसीओएस बीमारी से लड़ने को चिकित्सक एकजुट

पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी ¨सड्रोम) का आधुनिक तरीके से उपचार

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 05:39 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 05:39 PM (IST)
पीसीओएस बीमारी से लड़ने को चिकित्सक एकजुट

जागरण संवाददाता, करनाल : पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी ¨सड्रोम) का आधुनिक तरीके से उपचार करने पर चिकित्सकों ने मंथन किया। छह जिलों के चिकित्सकों ने इस बीमारी से पार पाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।

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अमृतधारा माई अस्पताल की ओर से होटल नूरमहल में एफओजीएसआइ (फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गनेकोलाजी सोसाइटी ऑफ इंडिया) करनाल शाखा के सहयोग से इस बीमार पर आयोजित सेमिनार में दिल्ली हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से करीब 200 डॉक्टर शामिल हुए। आयोजक अमृतधारा माई अस्पताल की निदेशक आइवीएफ डॉ. ज्योति गुप्ता ने कहा कि अब हम पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि ¨सड्रोम की बढ़ती घटनाओं को देख रहे हैं। 30 से 40 प्रतिशत महिलाएं इस रोग की शिकार हैं। सेमिनार का मकसद इस बीमारी के उपचार के लिए समाधान और विकल्प खोजने में मदद करना है।

इएसएआर दिल्ली की सचिव डॉ. शिवानी सचदेव ने कहा कि यह बीमारी उत्तर भारत में बांझपन के मुख्य कारणों में से एक है। महिलाओं को ठोड़ी और होंठों से ऊपर बाल मिलते हैं। लगभग 40 प्रतिशत में मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रोल मिलता है। हालत की गंभीरता को कम करने में वजन घटाना हैमेटाफॉर्मिन जैसी एंटीबायोटिक और इनोसिटोलॉज जैसी दवाएं मदद कर सकती हैं। गोनाडोट्रोपिन जैसा इंजेक्शन बांझपन की महिलाओं की मदद कर सकता है।

इस दौरान गंगा राम अस्पताल से डॉ. आभा मजूमदार, पुणे से डॉ. भारती डोरे पाटिल, डॉ. ज्योति मलिक, सीम पांडे, डॉ. अरशी इकबाल, डॉ. अंशु ¨जदल व डॉ. सुनील ¨जदल मौजूद रहे।

करनाल में होगा चंडीगढ़ व दिल्ली की तर्ज पर ट्रे¨नग प्रोग्राम

अमृतधारा माई अस्पताल के एमडी डॉ. राजीव गुप्ता ने कहा कि अभी करनाल सहित आसपास के जिलों के युवा चिकित्सकों को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली व चंडीगढ़ जाना पड़ता है, लेकिन अब उनके अस्पताल की ओर से इस तरह के प्रशिक्षण करनाल में आयोजित कराए जाएंगे। इसी कड़ी में यह सेमिनार आयोजित किया गया है। पिछले साल भी इस तरह का सेमिनार लगाया गया था।


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