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निजी स्कूलों में दाखिले के लिए भटकते रहे अभिभावक

नियम 134-ए के तहत बच्चों को डॉक्टर व इंजीनियर बनाने का सपना संजोय अभिभावक स्कूलों में भटकने को मजबूर हैं। अभिभावक फोन पर मिले मैसेज के अनुसार स्कूल में गए तो संचालकों ने दस्तावेजों की मांग करते हुए पर्ची थमा दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 10:01 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 06:26 AM (IST)
निजी स्कूलों में दाखिले के लिए भटकते रहे अभिभावक
निजी स्कूलों में दाखिले के लिए भटकते रहे अभिभावक

जागरण संवाददाता, करनाल : नियम 134-ए के तहत बच्चों को डॉक्टर व इंजीनियर बनाने का सपना संजोय अभिभावक स्कूलों में भटकने को मजबूर हैं। अभिभावक फोन पर मिले मैसेज के अनुसार स्कूल में गए तो संचालकों ने दस्तावेजों की मांग करते हुए पर्ची थमा दी। अभिभावक समझ नहीं पा रहे कि पर्ची को सच माने या 134-ए के स्कूल अलॉटमेंट को। दूसरी तरफ जिला शिक्षा अधिकारी दावा कर रहे हैं कि स्कूल संचालकों को पर्ची थमाने का अधिकार नहीं है। बच्चा अपने सभी दस्तावेज 134-ए परीक्षा के लिए आवेदन के समय जमा करवा चुका है।

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स्कूल वालों ने थमा दी पर्ची

बीईओ कार्यालय में पहुंची जुंडला गेट निवासी कृष्णा रानी और रूपा ने बताया कि बेटे का निजी स्कूल में दाखिला होने पर खुशी हुई थी। उम्मीद थी कि जाते ही बच्चे का दाखिला हो जाएगा। स्कूल में पहुंचने पर वहां के कर्मचारी ने स्लिप थमा दी। अब यह दस्तावेज तैयार कराने की चिता सताने लगी है। वहीं बीईओ कार्यालय में बैठे कर्मचारी ने कहा कि सभी दस्तावेज आवेदन के समय जमा कर दिए गए हैं, अब केवल स्कूल संचालक तंग कर रहे हैं। वहीं दिनेश ने बताया कि दो माह से बच्चा घर बैठा है। निजी स्कूल में दाखिला हो नहीं रहा है। प्रशासनिक अधिकारी भी हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। प्रेम नगर निवासी राजेश कुमार ने बताया कि चार साल से नियम 134-ए के तहत बेटी के दाखिले को लेकर परेशान हो रहे हैं। इस बार बिटिया क्वालीफाई हुई थी, लेकिन अभी तक स्कूल का नाम स्पष्ट नहीं हो पाया है। कार्यालय के कर्मचारी भी कुछ नहीं बता रहे हैं। बेटी की पढ़ाई खराब हो रही है।

बीईओ चंद्रेश विज ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते निजी स्कूल संचालकों को जानकारी दी जा चुकी है। मुख्यालय के आदेश के अनुसार संचालकों को चयनित बच्चों को दाखिला लेना चाहिए, अन्यथा विभाग की ओर से सख्त कदम उठाए जाएंगे।


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