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बड़ी रोचक है मंच पर इस पिता-पुत्र की जोड़ी, कभी बन जाते हैं भाई तो कभी ससुर-दामाद

रियल लाइफ में रिश्ता पिता-पुत्र का है, लेकिन रामलीला का मंच ऐसा है जहां यह बदल जाता है। कभी ये भाई बन जाते हैं तो कभी ससुर-दामाद।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 10:50 AM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 09:01 AM (IST)
बड़ी रोचक है मंच पर इस पिता-पुत्र की जोड़ी, कभी बन जाते हैं भाई तो कभी ससुर-दामाद

करनाल [गगन तलवार]। रियल लाइफ में रिश्ता पिता-पुत्र का है, लेकिन रामलीला का मंच ऐसा है जहां यह बदल जाता है। पिता पुत्र की जोड़ी कभी ससुर और दामाद के रूप में नजर आती है तो कभी दो भाइयों के रूप में। बात यहीं तक ही सीमित नहीं है। रामायण के अध्यायों के साथ यहां रिश्ता दोस्ती और भक्ति का भी आता है। यह कहानी है एक ऐसे परिवार की, जिसमें दादा से लेकर पोते तक, तीन पीढिय़ां रामलीला में रामायण के महत्वपूर्ण किरदार निभाती आई हैं।

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आठ साल से अभिषेक बन रहे राम

शहर के जुंडला में रहने वाले अभिषेक उर्फ विक्की शर्मा कर्णनगरी में श्री रामायण पाठक सभा के रामलीला के 111वें मंचन में भगवान राम का किरदार निभा रहे हैं। 14 वर्ष पहले सभा से जुड़े और आठ सालों से राम का रोल कर रहे अभिषेक इससे पहले सीता का किरदार निभाते थे।

भगवान राम की भूमिका में अभिषेक शर्मा।

वहीं, अभिषेक के पिता विरेंद्र शर्मा भी बचपन से इसी सभा के मंच पर रामायण के विभिन्न किरदार निभाते आ रहे हैं। कई वर्षों से वे राजा जनक, इंद्र, भगवान विष्णु, भरत, सुग्रीव और अंगद का अभिनय करते हैं। जबकि अभिषेक के पुत्र स्वर्णिम शर्मा भी अब रामलीला में नन्हें किरदार निभाते हैं।

14वां साल जब एक साथ मंच पर आएंगे पिता-पुत्र

पिता-पुत्र की यह जोड़ी सीता स्वयंवर के दिन एक साथ मंच पर आती है। इसके अलावा भरत मिलाप के दिन इनके राम और भरत के सीन को भी दर्शक काफी पसंद करते हैं। इसके अलावा राम-सुग्रीव मिलन और राम-अंगद के रूप में भी वे एक साथ रामलीला के मंच पर नजर आते हैं।

अपने बच्चों का रोल देखने पहुंचते हैं पंडित हरिदत्त

कलाकार विरेंद्र शर्मा ने बताया कि बचपन से ही उनका रामलीला में अभिनय करने का मन करता था। उनके पिता पंडित हरिदत्त शर्मा भी इसी सभा के मंच पर राम का रोल करते थे। पिता के मार्गदर्शन में उन्होंने पहले सीता और बाद में राम का रोल किया। उन्होंने बताया कि जब वे राम का रोल करते थे तब उनके पिता दशरथ की भूमिका अदा करते थे। बुजुर्ग होने के कारण पंडित हरिदत्त शर्मा अब मंच पर अभिनय नहीं कर पाते, लेकिन अपने बच्चों के रोल को देखने के लिए रामलीला स्थल पर जरूर पहुंचते हैं।

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