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पांच दिन से धान की खरीद बंद, औने-पौने दाम पर बेच रहे किसान

पांच दिनों से अनाज मंडी में सरकारी खरीद न होने से किसानों को मजबूरन अपनी धान की फसल को निजी राइस मिलरों को औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 06:33 AM (IST)
पांच दिन से धान की खरीद बंद, औने-पौने दाम पर बेच रहे किसान
पांच दिन से धान की खरीद बंद, औने-पौने दाम पर बेच रहे किसान

संवाद सूत्र, निगदू : पांच दिनों से अनाज मंडी में सरकारी खरीद न होने से किसानों को मजबूरन अपनी धान की फसल को निजी राइस मिलरों को औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है। उसके बावजूद कई किसानों ने तो उचित मूल्य न मिलने पर अपनी फसल को बेचने से इनकार कर दिया है। जिसके चलते मंडी में करीब 15-20 हजार क्विंटल के करीब मोटे धान की फसल तिरपाल से ढकी हुई है। तो वहीं मंडी में कई जगह प्राईवेट खरीद एजेंसी अपनी मनमर्जी का भाव लगाकर फसल को खरीदते दिखाई दिए। खरीद बंद होने का कारण तो संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी मालूम नहीं है। 5 दिन से खाली बैठे मजदूर

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अनाज मंडी में हजारों की संख्या में बिहार से मजदूरों को भी खरीद न होने पर खाली बैठना पड़ रहा है। मजदूर बिशन सिंह, राजू, गोपाल

दास, मामू राम, राकेश, मिथा राम ने बताया कि मंडी में करीब 5 दिनों से कोई खरीद नहीं हो रही है। काम ना होने से उन्हें खाने की व्यवस्था करना बेहद मजबूर होना पड़ रहा है। व्यापारियों व किसानों को आ रही परेशानी

निगदू अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र मैहला ने बताया कि 21 अक्तूबर से मंडी में सरकारी खरीद नहीं हो रही है। जिसके कारण मंडी में करीब 15-20हजार क्विंटल की तदाद में मोटे धान की फसल पड़ी हुई है। जिससे व्यापारियों के साथ-साथ किसानों को भी बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खरीद न होने के बारे में संबंधित एजेंसी से सम्पर्क किया गया है लेकिन कोई हल नहीं हो रहा। कई जिलों में खरीद बंद

निगदू अनाज मंडी में धान की खरीद कर रही सरकारी एजेंसी डीएफएससी के इंस्पेक्टर जीवन सिंह का कहना है कि कई जिलों में 4 दिनों से खरीद बंद है। खरीद बंद होने का कारण मालूम नहीं है। उच्च अधिकारियों से संपर्क कर खरीद बंद होने का कारण पता चल सकता है


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