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धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, हादसों को न्यौता

हर रोज हो रहे सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। तमाम खामियों के साथ ओवरलोड वाहन भी इन हादसों में लगातार इजाफा कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 09:49 AM (IST)
धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, हादसों को न्यौता

सेवा सिंह, करनाल : हर रोज हो रहे सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। तमाम खामियों के साथ ओवरलोड वाहन भी इन हादसों में लगातार इजाफा कर रहे हैं। नेशनल व स्टेट हाईवे से लेकर अन्य सड़कों पर भी ओवरलोडिंग वाहनों की भरमार है, जो हर समय हादसे को न्यौता दे रहे हैं। आरटीए विभाग भी इन पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगा पा रहा। हालांकि विभाग ने पिछले वर्ष ऐसे 2690 वाहनों के चालान करके 12 करोड़ रुपये जुर्माना ठोका लेकिन ऐसे वाहनों पर लगाम न लगने से गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। बढ़ते हादसों ने पुलिस विभाग से लेकर यातायात एवं हाइवे अधिकारियों में बेचैनी बढ़ा दी है तो जिला प्रशासन के माथे पर भी चिता की लकीरें दो दिन पहले ही रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में साफ दिखाई दीं। बॉक्स

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मेरठ व यमुनानगर रोड पर गंभीर हालत

जिले में ओवरलोड वाहनों के चलते सबसे अधिक गंभीर हालत मेरठ रोड व यमुनानगर रोड की है। इन वाहनों में रेत, कोरसेंट व बजरी आदि की सप्लाई करने वाले वाहन शामिल हैं। नेशनल हाईवे पर तमाम ओवरलोडिंग वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं तो अन्य मार्गो पर भी ऐसे वाहन देखे जा सकते हैं। इन वाहनों के चलते सबसे अधिक हादसे मेरठ व यमुनानगर रोड पर ही सामने आए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले छह माह में ही ऐसे वाहनों से दोनों रोड पर 10 से अधिक हादसे हुए हैं। अनेक बार लोग ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए रोष जताते हुए रोड जाम भी कर चुके हैं। बॉक्स

एडीसी ने माना अधिक सख्ती की जरूरत

दो दिन पहले ही रोड सेफ्टी की हुई बैठक में ओवरलोडिंग का मामला प्रमुखता से उठा तो आरटीए सचिव एवं एडीसी अनीश यादव ने जिला उपायुक्त को बताया कि ऐसे वाहनों के लगातार चालान किए जा रहे हैं। अभी और सख्ती की जरूरत है, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। इसी दौरान डीसी निशांत कुमार यादव ने भी ओवरलोडिग पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। बॉक्स

प्रति टन दो हजार रुपये जुर्माना

वर्तमान में ओवरलोड वाहन पर 20 हजार रुपये जुर्माना सामान्य तौर पर होता है वहीं इसके साथ ही प्रति टन दो हजार रुपये ओर जुर्माना भी शामिल किए जाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में अधिकतर वाहनों पर जुर्माना करीब एक लाख रुपये से भी पार हो जाता है। बॉक्स

आरटीए की ओर से 2019 में की गई कार्रवाई

माह-----चालान किए वाहन---------जुर्माना

जनवरी---312-------------16004000

फरवरी----90------------3066900

मार्च----296-----------13426600

अप्रैल---355----------15514500

मई----282------------10813700

जून----137---------6433600

जुलाई---165-------8408600

अगस्त---266-------9450900

सितंबर---201-------12159700

अक्तूबर---182------8527660

नवंबर-----294-----11708100

दिसंबर---110------6050000 बॉक्स

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सक्रियता व जुर्माना बढ़ने से घटे वाहन : जैन

प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के सहायक सचिव सतीश जैन का कहना है कि ओवरलोड वाहनों से हादसों की आशंका अधिक होती है, लेकिन विभाग की सक्रियता व सरकार द्वारा जुर्माना राशि में इजाफा कर देने के चलते अब ऐसे वाहनों की संख्या कम हुई है। फिलहाल अवैध खनन पर रोक के चलते भी अब ऐसे वाहन कम हुए हैं। इसके बावजूद विभाग की टीमें लगातार ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करती रही है। एडीसी व आरटीए सचिव के निर्देशानुसार ही कार्रवाई करते हुए पिछले वर्ष ऐसे 2690 वाहनों के चालान किए गए। इस वर्ष भी ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए योजना तैयार कर ली गई है।


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