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स्टाफ की कमी, सरल केंद्रों में भीड़ बढ़ी

प्रदेश भर में दिसंबर 2018 को शुरू हुए सरल केंद्रों में इन दिनों लोग लाइन में लगने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:12 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 08:12 AM (IST)
स्टाफ की कमी, सरल केंद्रों में भीड़ बढ़ी
स्टाफ की कमी, सरल केंद्रों में भीड़ बढ़ी

जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश भर में दिसंबर 2018 को शुरू हुए सरल केंद्रों में इन दिनों लोग लाइन में लगने को मजबूर हैं। जरूरी दस्तावेजों को तैयार कराने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। ऑनलाइन सिस्टम के बावजूद जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदकों को एक माह से अधिक समय लगा रहा है। स्टाफ की कमी के चलते लाइसेंस, आरसी, रिहायशी प्रमाण-पत्र के लिए आवेदकों को टोकन लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यह हालत केवल लघु सचिवालय स्थित सरल केंद्र के नहीं हैं, बल्कि पंचायत भवन और बस स्टेंड के पीछे भी सुबह से ही आवेदकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अटल सेवा केंद्र, अंत्योदय भवन, अंत्योदय सरल केंद्र में स्टाफ की कमी है।

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लघु सचिवालय के सरल केंद्र में लंबी लाइन

ट्रैफिक नियम बदलने के बाद से ड्राइविग लाइसेंस बनाने वाले आवेदकों की संख्या बढ़ी है। वाहनों को पंजीकरण और आवेदन के लिए रोजाना 600 से अधिक लोग पहुंच रहे हैं, जिनकी लाइन परिसर से बाहर तक पहुंच रही है। पास में ही प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय मौजूद हैं, लेकिन अव्यवस्था का आलम पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि दस्तावेजों को इक्ट्ठा करने और जमा करवाने के लिए टोकन के लिए केंद्रों स्टाफ की कमी के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक ही छत के नीचे असुविधा

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आवेदकों को बेश्क एक ही छत के नीचे लाइसेंस, आरसी, रिहायशी प्रमाण पत्र आदि की सुविधा के लिए केंद्र बनाए गए थे, लेकिन दो माह से लंबी लाइन असुविधाओं का कारण बनी हुई हैं। विभाग के अधिकारी भीड़ के मद्देनजर स्टाफ बढ़ाने के कदम नहीं उठा पा रहा है। फूसगढ़ निवासी रमेश कुमार ने बताया कि टोकन के लिए पहले अपॉइंटमेंट मिल जाती थी। इससे पब्लिक की लाइन नहीं लगती थी। 15 दिन से यह अपॉइंटमेंट बंद कर दी गई है। इंद्री क्षेत्र के अंकुर कुमार ने बताया कि ऑनलाइन सुविधाओं के बावजूद एक माह से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चक्कर काट रहा हूं। दिसंबर 2018 को शुरू किए थे सरल केंद्र

अधिवक्ता सुखबीर त्यागी ने बताया कि प्रदेश के सभी शहरों और करीब 6 हजार गांवों में 37 विभागों की 425 सेवाओं का लाभ देने के लिए अटल सेवा केंद्र, अंत्योदय भवन और अंत्योदय सरल केंद्र की शुरुआत की गई थी। शुरू में लोगों को जानकारी के अभाव के कारण जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, ड्राइविग लाइसेंस या फिर योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित विभाग में पहुंच जाते थे। समय के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों ने आवेदकों को सरल केंद्रों के माध्यम से दस्तावेजों को जमा करवाने के लिए जागरूक किया। आवेदकों की संख्या तो बढ़ने लगी लेकिन इन केंद्रों में स्टाफ में इजाफा करने के लिए कदम नहीं उठाए गए।


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