विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी भी सामान्य बच्चों के साथ कर सकेंगे ग्रेजुएशन
प्रदेश में संस्थान के अभाव में विशेष आवश्यकता वाले यानि मूक बधिर बच्चे कॉलेज लाइफ जी नहीं पाते थे। यदि वह कॉलेज की पढ़ाई करना भी चाहते थे तो उन्हें हरियाणा से बाहर दिल्ली या अन्य दूसरी जगहों के संस्थानों में जाना पड़ता था।
गगन तलवार, करनाल
प्रदेश में संस्थान के अभाव में विशेष आवश्यकता वाले यानि मूक बधिर बच्चे कॉलेज लाइफ जी नहीं पाते थे। यदि वह कॉलेज की पढ़ाई करना भी चाहते थे तो उन्हें हरियाणा से बाहर दिल्ली या अन्य दूसरी जगहों के संस्थानों में जाना पड़ता था। कुछ बच्चे अपनी मजबूरियों के कारण चाहकर भी बाहर जाकर नहीं पढ़ पाते थे। लेकिन अब ये विशेष आवश्यकता वाले बच्चे हरियाणा में रहकर ही अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। ऐसे बच्चों के कल्याण के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है कि करनाल के पंडित चिरंजीलाल शर्मा गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में नए सत्र से इन बच्चों के लिए बीए की क्लासेज शुरू हों। इसके लिए कॉलेज प्राचार्य को भी विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। यह प्रदेश का पहला ऐसा कॉलेज होगा, जहां मूक-बधिर बच्चे सामान्य बच्चों के साथ ही पढ़ाई करेंगे।
ऑफलाइन है आवेदन की प्रक्रिया
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए दाखिले की प्रक्रिया को भी ऑफलाइन रखा गया है। आज से इनकी एडमिशन प्रक्रिया शुरू है। वे नए सत्र की पढ़ाई शुरू होने यानि 13 जुलाई तक कॉलेज में आकर अपना एडमिशन करवा सकते हैं। इनकी फीस भी अन्य बच्चों के समान 4688 रुपये रखी गई है। वहीं कॉलेज और डीएचई के जो नियम सामान्य बच्चों पर लागू होते हैं। इन बच्चों को भी उन्हीं नियमों की पालना करनी होगी।
एक ही क्लास रूम में बैठेंगे दोनों बच्चे
मूक बधिर बच्चे स्वयं को सामान्य बच्चों से भिन्न न समझे, इसलिए उनकी क्लास भी सामान्य बच्चों के साथ एक ही रूम में लगेगी। विशेष आवश्यकता वाले इन बच्चों को पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए। इसके लिए साइन लैंग्वेज इंटरपोरेटर भी नियुक्त किया जाएगा। जो क्लास टीचर के सेलेबस को सांकेतिक भाषा के माध्यम से इन विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समझाएगा।
विशेष बच्चों के लिए बढ़ाई अतिरिक्त सीट
करनाल के इस कॉलेज में बीए की कुल 400 सीटें हैं। जिस पर अब तक करीब 700 बच्चों ने एडमिशन के लिए आवेदन किया है। वहीं मूक-बधिर बच्चों को भी इसी बैच में शामिल करने के लिए डीएचई की ओर से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। करीब 80 ऐसे बच्चों को दाखिला मिल सकता है। फोटो---13 नंबर है।
वर्जन--
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से ओपन रखी गई है। इसमें न केवल करनाल बल्कि प्रदेश के किसी भी जिले में रहने वाले बच्चे दाखिला ले सकते हैं। इन बच्चों को भी उच्चतर शिक्षा मिले, इसलिए डीएचई ने यह फैसला किया है। इसका उन बच्चों को खासा लाभ होगा, जो पढ़ना तो चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने व किसी अन्य कारण से हरियाणा से बाहर जाकर ग्रेजुएशन नहीं कर पाते थे।
कुल¨वद्र कौर, ¨प्रसिपल, पंडित चिरंजीलाल शर्मा गवर्नमेंट पीजी कॉलेज करनाल।