पाई-पाई वसूलेंगे, अब पीडीएस से भी नहीं बनेगी बात
अश्विनी शर्मा करनाल सरकारी चावल की अदायगी उत्तरप्रदेश व बिहार से सस्ता चावल या पीडीएस का चावल मंगवाकर करने वाले राइस मिलर्स अब और फंस गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने घोटाले की तह में जाते हुए सरकारी रिकवरी के लिए ऐसा प्लान बना दिया है कि अब मिलर्स पीडीएस का चावल मंगवा भी लेते हैं तो वह भी दोगुना घाटा ही देकर जाएगा। क्योंकि सरकार अब पाई-पाई की वसूली करेगी। जांच के दौरान जिन राइस मिल में धान कम मिला है उसकी कीमत ब्याज और खरीद संबंधित तमाम खर्च को रिकवरी की जाएगी।
अश्विनी शर्मा, करनाल
सरकारी चावल की अदायगी उत्तर प्रदेश व बिहार से सस्ता या पीडीएस का चावल मंगवाकर करने वाले राइस मिलर्स और फंस गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने घोटाले की तह में जाते हुए सरकारी रिकवरी के लिए ऐसा प्लान बनाया है कि मिलर्स पीडीएस का चावल मंगवाते हैं तो वह भी दोगुना घाटा देकर जाएगा क्योंकि सरकार अब पाई-पाई की वसूली करेगी। जांच में जिन मिल में धान कम मिला है, उसकी कीमत ब्याज और खरीद संबंधित तमाम खर्च की रिकवरी होगी।
चावल घोटाला उजागर होने के साथ ही राइस मिलर्स ने उत्तरप्रदेश व बिहार से पीडीएस का चावल मंगवाने में बेहद तेजी दिखानी शुरू कर दी थी। ताकि जांच होने पर मिल में स्टॉक पूरा कर लें। इसी बीच पीडीएस चावल की सप्लाई पीछे से बंद होने लगी तो दूसरी तरफ जांच शुरू हो गई। इसके बावजूद मिलर्स को उम्मीद थी कि चावल जमा करवाने की अंतिम तिथि बढ़ने के बाद मिले समय में दूसरे राज्यों से सस्ता चावल मंगवाकर अदायगी कर देंगे। इसी बीच विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने उन पर शिकंजा कसने का प्लान बना लिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने दैनिक जागरण से कहा कि जिन मिल में स्टॉक मिलान में कमी मिली और वहां उतनी मात्रा का चावल नहीं मिला है तो उस मिल से उतना चावल नहीं लिया जाएगा। बल्कि उसकी कीमत ब्याज सहित वसूली जाएगी। इसमें धान खरीद से संबंधित तमाम खर्च भी वसूल किया जाएगा। एफआइआर के मामले में भी गंभीर
एसीएस पीके दास करनाल में दो मिल पर दर्ज एफआइआर के मामले में भी गंभीर हैं। उन्होंने दोनों एफआइआर पर कहा कि उन्होंने डीजीपी मनोज यादव से बात की है। मामले में कतई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। वह नजर रखे हुए हैं। अब तक यह रहा प्रभाव
जागरण ने घोटाला उजागर करने के बाद इसे लगातार प्रमुखता से प्रकाशित किया। जागरण की खबरों का प्रभाव रहा कि करनाल की दो मिल पर एफआइआर दर्ज की गई। डीएफएससी अनिल कुमार का तबादला कर दिया गया और 16 मिल की प्रॉपर्टी अटैच की जा रही है। पांच मिल ब्लैक लिस्ट कर दी गईं। उन सभी मिल की जांच हुई, जिन्होंने 90 प्रतिशत से कम सरकारी चावल की अदायगी की थी। उत्तरप्रदेश व बिहार से तेजी से आ रही सार्वजनिक वितरण प्रणाली की गाड़ियों में ब्रेक लग गए। मामले में दो तरह से जांच हुई। एक जांच प्रशासन ने एडीसी अशोक बंसल के नेतृत्व में करवाई तो दूसरी डीएफएससी निशांत राठी के नेतृत्व में शुरू हुई।