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मौसम नहीं, अव्यवस्था की वजह से भीग गई धान, सचिव बोले-आढ़तियों की भी जिम्मेदारी

जिले में दो दिन से बूंदाबांदी हो रही है। मंडियों में पड़ी हजारों क्विंटल धान अव्यवस्था की वजह से भीग गई। इसके लिए मौसम नहीं मंडियों की व्यवस्था जिम्मेदार है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 08:16 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 08:16 PM (IST)
मौसम नहीं, अव्यवस्था की वजह से भीग गई धान, सचिव बोले-आढ़तियों की भी जिम्मेदारी
मौसम नहीं, अव्यवस्था की वजह से भीग गई धान, सचिव बोले-आढ़तियों की भी जिम्मेदारी

प्रदीप शर्मा, करनाल : जिले में दो दिन से बूंदाबांदी हो रही है। मंडियों में पड़ी हजारों क्विंटल धान अव्यवस्था की वजह से भीग गई। इसके लिए मौसम नहीं मंडियों की व्यवस्था जिम्मेदार है। जिन्हें इस बात की चिता ही नहीं कि किसान की छह माह की मेहनत को भिगने से कैसे बचाया जाए। वह भी तब जब मंडियों में अनाज की बिक्री पर हर साल औसतन 100 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आता है। इतनी मोटी आमदनी के बाद भी फसल को भीगने से बचाने के इंतजाम पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया। मंडी बोर्ड आढ़तियों पर यह जिम्मेदारी लाद कर निश्चिंत हो जाता है। आढ़ती इस जिम्मेदारी को कितना निभाते हैं, यह सोमवार को सुबह मंडियों में भीगी धान को देखकर आसानी से पता चल रहा है। मार्केटिग बोर्ड की 23 मंडियां हैं। जिनसे करोड़ों रुपये का रेवेन्यू मिलता है। मौसम खराब का अंदेशा पहले होने पर भी इंतजाम नहीं किए

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मौसम विभाग ने 15 अक्टूबर को ही बरसात की आशंका जता दी थी। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने मंडियों में बरसात से बचाव की ओर ध्यान नहीं दिया। करनाल मंडी में 11 लाख क्विंटल धान आ चुका है, हालांकि 80 प्रतिशत लिफ्टिग भी हो चुकी है, लेकिन ज्यादातर को भीगने से नहीं बचाया जा सका। कायदे से मंडियों में तिरपाल की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। मौसम खराब हो तो अनाज बचा लिया जाए। शाम से ही किसान लगाते रहे तिरपाल उपलब्ध कराने की गुहार

काछवा के किसान जोगेंद्र सिंह, बांसा निवासी मोहताब सिंह व रिकू ने बताया कि वें मंडी में शनिवार को धान लेकर आए गए थे। पता ही नहीं था मौसम खराब हो जाएगा। शाम को जैसे ही बादल दिखाई दिए तो उन्होंने तिरपाल मांगे। लेकिन आढ़तियों के पास इंतजाम नहीं था। अब उनके सामने एक ही चारा था कि फसल को भीगता हुआ देखे। सारी रात यहीं दुआ करते बीत गई कि बरसात न हो, लेकिन सोमवार सुबह से ही बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रहा। मंडी से 80 फीसद लिफ्टिग, आज फिर बन सकती है जाम की स्थिति

अनाज मंडी में दो दिन तक केवल लिफ्टिग का काम हुआ है। सोमवार रात तक मंडी से 80 फीसद उठान कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन मंगलवार को दो दिन के बाद किसान मंडी में धान की फसल लेकर आएंगे, ऐसे में संभव है कि फिर से जाम की स्थिति ना बन जाए। मौसम को देखते हुए किसानों ने अपनी फसलों को ट्रैक्टर-ट्रालियों में लादकर खड़ा किया हुआ है, ताकि मंडी में समय रहते पहुंचाया जा सके। किसान दो दिन से फसल लेकर वेटिग में हैं। इधर मार्केट कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां की गई हैं। वर्जन

मार्केट कमेटी की तरफ से आठ शेड बनवाए गए हैं। फसल मंडी में आने के बाद आढ़तियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह किसानों की फसलों को भीगने से बचाएं। इस समय धान की आवक काफी ज्यादा है, ऐसे में संभव है कि धान भीग गई। अच्छी बात रही कि तेज बरसात नहीं हुई। नुकसान का बचाव रहा है। आढ़तियों ने अपने स्तर पर तिरपाल मुहैया भी कराई है।

चंद्रप्रकाश, सचिव मार्केट कमेटी करनाल। वर्जन

फोटो---27 नंबर है।

मंगलवार को धान की खरीद फिर से शुरू हो जाएगी। किसान भाईयों से अपील है कि वह अपनी धान लेकर आएं, लेकिन जल्दबाजी न करें इससे जाम की स्थिति बन जाती है।

रजनीश चौधरी, आढ़ती एसोसिएशन प्रधान, नई अनाज मंडी।


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