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प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टर विभागों पर निगम सख्त, 31 दिसंबर तक नहीं भरा तो खाते हो सकते हैं सील

प्रॉपर्टी टैक्स के डिफाल्टर हो चुके केंद्र व प्रदेश के 70 विभागों पर निगम का 150 करोड़ रुपये बकाया है। बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी संबंधित विभागों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शुक्रवार को निगम आयुक्त ने इस मामले को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 02:38 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 06:11 AM (IST)
प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टर विभागों पर निगम सख्त, 31 दिसंबर तक नहीं भरा तो खाते हो सकते हैं सील
प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टर विभागों पर निगम सख्त, 31 दिसंबर तक नहीं भरा तो खाते हो सकते हैं सील

जागरण संवाददाता, करनाल

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प्रॉपर्टी टैक्स के डिफाल्टर हो चुके केंद्र व प्रदेश के 70 विभागों पर निगम का 150 करोड़ रुपये बकाया है। बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी संबंधित विभागों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शुक्रवार को निगम आयुक्त ने इस मामले को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भरने की सलाह दी। आयुक्त ने चेतावनी दी कि यदि अब भी टैक्स नहीं भरोगे तो संबंधित विभागों के बैंक खाते सील करने और वाहन जैसी चल संपत्ति को जब्त कर उनकी बोली लगाकर रिकवरी करेंगे। इन विभागों से पहुंचे अधिकारी

बैठक में यूएचबीवीएन, सिचाई विभाग, सहकारी बैंक व चीनी मिल, एनडीआरआइ, कृषि, रेडक्रॉस, जेल, जन स्वास्थ्य विभाग यूनिट-1, भारतीय खाद्य निगम, डाक व तार विभाग तथा एचवीपीएनएल सहित करीब 10 विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के विभागों की ओर से निगम को जो टैक्स अदा किया जाना है, वह सर्विस टैक्स के रूप में है। जबकि स्टेट के विभागों की तरफ प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इस प्रकार सेंटर के 10 और स्टेट के करीब 60 विभागों की ओर निगम का बकाया लंबे समय से चल रहा है। प्रतिनिधियों ने उठाई समय बढ़ाने की मांग, आयुक्त बोले- नहीं बची कोई गुंजाइश

प्रतिनिधियों ने आयुक्त के समक्ष कुछ ओर समय बढ़ाने की मांग उठाई। इस पर आयुक्त ने कहा कि प्रॉपर्टी व सर्विस टैक्स को लेकर निगम की ओर से सभी विभागों को लगातार नोटिस भेजे गए हैं, लेकिन उन पर कोई असर नहीं किया गया। इसे देखते हुए अब ओर समय दिए जाने की गुंजाइश ही नहीं बची। अब तो टैक्स भरना ही पड़ेगा। इसके पीछे उन्होंने सरकार के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि डिफाल्टर विभागों को याद दिलाने के लिए जो अंतिम नोटिस दिया गया है, उसकी प्रति नगर निकाय के आला अधिकारी प्रधान सचिव को भी प्रेषित की गई है, जहां से बड़े स्तर पर कार्रवाई जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने अब निकायों को ग्रांट देने से साफ मना कर कह दिया है कि वे बकायादारों से टैक्स लेकर अपना काम चलाएं और स्व:निर्भर बने। आयुक्त ने कहा कि 31 दिसंबर तक का समय बकायादारों के लिए राहत भरा भी है, क्योंकि 31 दिसंबर तक सरकार की ओर से एकमुश्त सारी बकाया राशि के भरने पर समूचा ब्याज माफ करने की घोषणा की गई है और इसका हजारों लोगो ने फायदा उठाया है। विभागों की तरफ बकाया राशि भी बड़ी है, इसलिए उन्हें ब्याज माफी का फायदा भी बड़ा मिलेगा। प्लाटों लेने वाले डिफाल्टरों से भी की बैठक

मीटिग के बाद आयुक्त ने पूर्व में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से आसान किश्तों पर प्लॉट लेने वाले डिफाल्टर हो चुके व्यक्तियों के साथ भी बैठक की। बता दें कि वर्ष 2012 में ट्रस्ट की ओर से कुछ लोगों को कॉमर्शियल व रेजीडेंशियल प्लॉट दिए गए थे। नियम एवं शर्तों में था कि 10 प्रतिशत राशि मौके पर और 15 प्रतिशत राशि अलॉटमेंट के समय भरनी होगी, जबकि शेष 75 प्रतिशत राशि ब्याज सहित, 8 छमाही किश्तों में देने को कहा गया था। इसके बाद प्लॉट धारकों ने कुछ किश्तें भरने के बाद ब्रेक लगा दिया और वे डिफाल्टर हो गए। अब नगर निगम ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त एक्शन मोड़ में आ गया है। आयुक्त ने ऐसे डिफाल्टरों से आज साफ कह दिया कि या तो बकाया किश्तें भरो अन्यथा नगर निगम प्लॉटों को अपने कब्जे में लेकर उनकी बोली लगाकर रिकवरी के लिए तैयार है। मीटिग में उप निगमायुक्त धीरज कुमार, कर अधीक्षक सतप्रकाश, केयर टेकर जितेंद्र मलिक, मलकीत सिंह तथा हर्ष कुमार उपस्थित रहे।


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