रजाई में सिस्टम, फुटपाथ पर ठिठुर रही गरीबी
जागरण संवाददाता, करनाल मौसम में बदलाव निरंतर जारी है। दो दिन से मौसम पूरी तरह से साफ ह
जागरण संवाददाता, करनाल
मौसम में बदलाव निरंतर जारी है। दो दिन से मौसम पूरी तरह से साफ है, लेकिन ठंड अधिक बढ़ गई है। तीन सालों के आंकड़ों की तुलना की जाए तो इस वर्ष नवंबर माह सबसे ठंडा रहा। कड़ाके की ठंड में जहां जिला प्रशासन रैन बसेरे की व्यवस्था करने का दावा कर रहा है वह खाली पड़ा है। दूसरी ओर फुटपाथ पर लोगों ने डेरा जमा रखा है। खास बात यह है कि सेक्टर 12 में लघु सचिवालय के समक्ष मार्केट में बने बरामदे में बेघरों की लंबी लाइन यहां पर देखने को आसानी से मिल जाती है। रेडक्रॉस की तरफ से इन लोगों को रैन बसेरे तक ले जाने के लिए प्रेरित नहीं किया जाता। प्रशासन ने इस रैन बसेरे की आड़ में अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री तो कर ली, लेकिन जहां लोगों को इसकी जरूरत है, वहां पर अस्थाई रैन बसेरे नहीं बनाए गए हैं।
तापमान की स्थिति का आंकलन किया जाए तो सोमवार को अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक वर्ष 2014 के बाद नवंबर माह में तापमान में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। तापमान गिरने से सुबह के समय कंपकंपी छूट गई। हालांकि दिन में धूप निकलने के बाद मौसम लोगों ने राहत ली है। सोमवार को अधिकतम तापमान गिरावट के साथ 24.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस कम है। इसी प्रकार न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस कम है। हालांकि दो दिन से धूप खिल जाने के कारण नमी की मात्रा कम हुई है। सुबह के समय नमी की मात्रा 85 फीसदी दर्ज की गई जो शाम तक घटकर महज 35 फीसदी रह गई। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। सुबह शीत लहर चल सकती हैं।
पिछले कुछ सालों में न्यूनतम तापमान की स्थिति
वर्ष न्यूनतम तापमान
2014 6.5 डिग्री सेल्सियस
2015 9.0 डिग्री सेल्सियस
2016 8.2 डिग्री सेल्सियस
2017 7.2 डिग्री सेल्सियस
यह मौसम कृषि की दृष्टि से बेहतर
दो दिनों से जिस प्रकार का मौसम बना हुआ है वह कृषि की दृष्टि से बेहतर है। दिन में धूप निकल रही है और सुबह व शाम के समय ठंड अधिक बढ़ रही है। ऐसे में यह गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। फसल को उचित तापमान भी मिल रहा है और ठंड भी। कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. सुनील बजाड़ के मुताबिक गेहूं की फसल के लिए ठंड अधिक होनी चाहिए। मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है, हालांकि अभी गेहूं बिजाई की जा रही है, लेकिन फिर भी मौसम बिल्कुल ठीक है। जितनी अधिक ठंड होगी गेहूं की फसल उतनी जल्दी ग्रोथ करेगी।
गर्म हुआ कपड़े का बाजार
ठंड में कपड़े का बाजार गर्म हो गया है। शहर के मुख्य बाजार में इन दिनों गर्म कपड़ों की खरीदारी जोरों से चल रही है। सुबह से लेकर शाम तक बाजार में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। इस बार सर्दी ने पिछले साल के मुकाबले पहले दस्तक दी है। इन दिनों न्यूनतम तापमान 10.0 से 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही होता है। लेकिन अब तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है।
इन जगहों पर बेघर लोगों की होती है भरमार
सीएम सिटी में कड़ाके की ठंड में जितने बेघर लोग फुटपाथ व अन्य जगहों पर सोते हैं यदि उनको रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए तो जगह छोटी पड़ जाएगी। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा होता है कि जितनी क्षमता रैन बसेरे की है उसको भरने के लिए भी अधिकारी इन बेघरों को जागरूक नहीं करते हैं। यदि स्थिति को व्यवस्थित करने की कौशिश की जाए तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि दूसरे रैन बसेरे की जरूरत पड़े।