Move to Jagran APP

संशोधित ... मिथेन से बिजली बनाएगा स्लाटर हाउस का आधुनिक जनरेटर

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में बूचड़खानों की बदबू से परेशान लोगों के लिए अच्छी ख

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 06:35 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 06:35 PM (IST)
संशोधित ... मिथेन से बिजली बनाएगा स्लाटर हाउस का आधुनिक जनरेटर
संशोधित ... मिथेन से बिजली बनाएगा स्लाटर हाउस का आधुनिक जनरेटर

जागरण संवाददाता, करनाल :

loksabha election banner

सीएम सिटी में बूचड़खानों की बदबू से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है। शहर में चल रहे सभी बूचड़खाने जल्द ही बाहर होंगे। करनाल में मीट बिकेगा जरूर, लेकिन इसे काटने का काम शहर से बाहर बने स्लाटर हाउस में होगा। योजना को सिरे चढ़ाने के लिए काछवा रोड पर करीब चार साले से बंद पड़े स्लाटर हाउस में नई जान फूंकी जा चुकी है। नगर निगम का दावा है कि अप्रैल में यह शुरू हो जाएगा। खास बात यह है कि स्लाटर हाउस में मीट के कचरे से बनी मिथेन गैस से बिजली बनेगी। इसके लिए दिल्ली से करीब 1.25 लाख रुपये का ड्यूल फ्यूल जनरेटर मंगवाया जा चुका है। स्लाट¨रग के बाद गलनशील कचरे से मिथेन गैस बनेगी। इसी गैस से जनरेटर चलेगा। 50 केवी जनरेटर की खास बात यह है कि यह गैस के साथ ही डीजल से भी चलेगा। हरियाणा में गुरुग्राम के बाद करनाल में ही इस प्रकार का आधुनिक जनरेटर फिलहाल है। पास ही बना स्वामी विवेकानंद पार्क भी इसी जनरेटर की बिजली से रोशन होगा। नगर निगम के सर्वे के अनुसार शहर में करीब 138 मीट की दुकानें हैं।

-----------------

प्रोजेक्ट पर 1.10 करोड़ रुपये खर्च

इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 1.10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इटीपी लगाने पर करीब 45 से 50 लाख रुपये खर्च आया है। वहीं इसके सिविल वर्क पर करीब 30 लाख रुपये और करीब दो एकड़ की जमीन में बने स्लाटर हाउस की चारदीवारी में भी 30 लाख रुपये खर्च हुए हैं। नगर निगम हाउस की तीन फरवरी की बैठक में पार्षदों ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई थी। दरअसल इफल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) नहीं होने के कारण वर्ष 2003 में बने स्लाटर हाउस को 2012 में हरियाणा जल प्रदूषण बोर्ड ने सील कर दिया था। इससे करनाल के लोगों को तो लाभ होगा ही साथ ही सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त रहेगी।

-------------

कचरे से ऐसे बनेगी मिथेन गैस

आयुक्त ने कंपनी के प्रोजेक्ट मेनेजर संजय चौहान से इटीपी की तकनीक, संचालन व गुणवत्ता को लेकर चर्चा की। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि स्लाटर हाउस में मीट से अलग होने वाले अवशेष व गंदा पानी नाली से होकर जमीन पर बनाए गए टैंक में जाएंगे। इफ्युलेंट पाईप के जरिए प्लांट में लगे बायोरिएक्टर टैंक में जाएंगे। इस टैंक में ऐसे बैक्टीरिया छोड़े जाएंगे, जो विषैले तत्वों को नष्ट कर देंगे। कचरा एक टैंक के बाद दूसरे व तीसरे टैंक में जाएगा। इससे मीथेन गैस बनेगी, जो एक टैंक में स्टोर होगी। नॉन प्रेसराइज मीथेन, पाईप के जरिए ड्यूल फ्यूल जेनरेटर में जाकर उसे चलाएगी। पूरे प्रक्रिया के बाद बचा पानी साफ करने करने के बाद बाहर छोड़ा जाएगा इसे खेतों के प्रयोग किया जा सकेगा।

----------

आयुक्त ने किया दौरा

नगर निगम के आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने प्लांट का दौरा किया। दिल्ली की ग्रो डीजल वैंचरस लिमिटेड कंपनी ने पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर स्लाटर हाउस में इटीपी लगाया है। आयुक्त ने कंपनी मैनेजर को निर्देश दिए कि वह इसे अप्रैल के अंत तक हर हाल में चालू कर दें। उन्होंने इटीपी के लिए कंट्रोल रूम के निर्माण कार्य को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि इटीपी के चारों और अच्छे से फें¨सग लगवाई जाए। प्लांट के चालू होते ही कंट्रोल रूम में कंपनी का कर्मचारी यहां मौजूद रहेगा। आयुक्त के अनुसार अगले दो महीनों में स्लाटर हाउस में मीट की स्लाट¨रग का काम शुरू हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.