मिलर का अब मार्केट कमेटी करनाल के ऑफिसर पर रुपये मांगने का आरोप
जागरण संवाददाता करनाल राइस मिलर ने एक बार फिर से अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है
जागरण संवाददाता करनाल
राइस मिलर ने एक बार फिर से अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है। इस बार निशाने पर मार्केट कमेटी करनाल के आफिसर है। आरोप जड़ा है कि कमेटी के अधिकारी मिल की जांच के नाम पर पैसे मांग रहे हैं। करनाल राइस मिल्स एसोसिएशन के सदस्यों ने इस संबंध में एसडीएम करनाल नरेंद्र पाल मलिक को एक ज्ञापन सौंप कर उचित कार्यवाही की मांग की है। एसोसिएशन के प्रधान विनोद गोयल ने बताया कि अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं। ऐसे में उनका काम करना भी मुश्किल हो गया है।
पैसे ऐंठने के लिए अधिकारियों की मिलीभगत का लगाया आरोप
प्रधान ने बताया कि मंडी कमेटी के सुपरवाइजर और चंडीगढ़ के कुछ अधिकारी आपसी मिलीभगत कर उन्हें तंग कर रहे हैं। उ पिछले दिनों यह अधिकारी एमआर ओवरसीज के परिसर में जाकर धान की फिजिकल वेरिफिकेशन के नाम पर कागज उठा कर ले गए। 15 दिन हो गए अभी तक कागज वापस नहीं किए। कागज देने की ऐवज में 20 लाख रुपये मांगे जा रहे हैं।
दावा: पैसे मांगने वाले अधिकारी की आवाज रिकॉर्ड की
मिलर ने बताया कि जब उनसे बार बार पैसे मांगे गए तो उन्होंने अधिकारी की आवाज रिकार्ड की। इसमें वह पैसों की मांग कर रहा है। जांच होगी तो रिकॉर्डिग भी सौंप दी जाएगी। उनकी मांग है कि पैसे मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कया जाना चाहिए। क्योंकि मौजूदा हालात में उन्हें काम करना मुश्किल हो रहा है।
आरोपों में घिरे एफसीआई गोदाम मैनेजर का तबादला, कार्यवाही क्यों नहीं?
इधर एफसीआई के लिए चावल की मि¨लग करने वाले मिलर की शिकायत पर नेवल गोदाम के मैनेजर कपिल पालीवाल को बदल तो दिया, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ
कोई कार्यवाही नहीं की है। मिलर की मांग है कि मैनेजर के खिलाफ कार्यवाही भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तबादला करना कोई कार्यवाही नहीं है, यह तो सामान्य प्रक्रिया है। यदि तबादला ही करना तो पहले ही दिन होना चाहिए था। इसमें इतना समय क्यों लिया गया?
बड़े घोटोले की ओर इशारा मिलर के यह तेवर
मिलर ने आरोप लगाया कि एफसीआई में चावल देने पर उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं। यदि पैसे नहीं देते तो चावल की गुणवत्ता का सवाल उठा दिया जाता है। ऐसे में उन्हें न चाहते भी पैसे देने पड़ रहे हैं। कुछ मिलर ने बताया कि हर गोदाम पर यहीं स्थिति है। इससे एक बात तो साफ हो रही है कि इस चावल के खेल में बड़ी गड़बड़ी है। यह वह चावल है जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीब के खाने में शामिल होता है।
तबादला कार्यवाही नहीं, रिपोर्ट के बाद ही कोई कदम उठाएंगे : डीएम एफसीआइ
डीएम एफसीआई रवि यादव ने बताया कि कपिल पालिवाल का तबादला कार्यवाही नहीं है। उन्हें इसलिए हटाया गया, जिससे जांच सही हो सके। रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। जहां तक मिलर का यह आरोप कि एफसीआई के अधिकारी पैसे मांगते हैं यह सही नहीं है। एक बार जांच रिपोर्ट आ जाए। इसके बाद देखते हैं, क्या कार्यवाही बनती है।