मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए परेशानी बनी नई व्यवस्था
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था बदलने से पहले प्रबंधन की प्रयोगात्मक व्यवस्था मरीजों पर भारी पड़ रही है।
जागरण संवाददाता, करनाल : कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था बदलने से पहले प्रबंधन की प्रयोगात्मक व्यवस्था मरीजों पर भारी पड़ रही है। सोमवार सुबह 11.40 बजे ओपीडी ब्लॉक में मरीजों को परेशान किया जा रहा था तो बाहर वाहन पार्किग के लिए चालकों को। लाइन में लगकर ओपीडी की पर्ची दो के बजाय अब चार घंटे में मिल रही है। नई व्यवस्था के अनुसार टोकन लेने के बाद पर्ची बनवाने वाली लाइन में सुरक्षा के घेरे में बनाई जा रही है। खिड़की पर सिक्योरिटी गार्ड सीमित मरीजों को खड़ा कर रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए नहीं व्यवस्था
फोटो 26
गांव अरड़ाना निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रबंधन की तरफ से व्यवस्था नहीं की गई है। व्यवस्था बनाने के नाम पर सिक्योरिटी इंचार्ज केवल मरीजों को परेशान कर रहे हैं। सुबह 8 बजे यहां पहुंचा था, लेकिन 12.10 बज गए हैं। मरीजों को सुरक्षा गार्ड खिड़की तक जाने नहीं दे रहे हैं। प्रबंधन के इस तरह के प्रयोग से ओपीडी के मरीजों को परिसर से बाहर लाइन में लगाने जैसी स्थिति बनती जा रही है।
समय से नहीं मिल रहा इलाज
फोटो 27
शेखुपुरा निवासी सतवंत सिंह ने बताया कि मरीज के साथ सुबह सात बजे यहां पहुंच गए थे। करोड़ों रुपये खर्चने के बावजूद मरीजों को यहां समय से इलाज नहीं मिल रहा है। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट के लिए तीन दिन तक इंतजार करना पड़ता है। मरीजों के टोकन नंबर की डिस्पले काम नहीं कर रही हैं। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को सुबह दो घंटे ओपीडी में अव्यवस्था के बीच बिताने चाहिए।
अभी तक नहीं हो पा रही जांच
फोटो 28
सफीदों निवासी रामनारायण ने बताया कि पिता की आंख की जांच कराने के लिए सुबह छह बजे घर से निकले थे। मेडिकल कॉलेज में पर्ची बनवाने के लिए तीन घंटे, दो घंटे डॉक्टर के पास जांच के लिए और दो घंटे फिर दवा लेने में लग जाते हैं। बिना होमवर्क नई व्यवस्था लागू करने से सिक्योरिटी स्टाफ केवल मरीजों को परेशान कर रहे हैं।