पारा 40 के पार, लू की भी गति बढ़ी
0 धूप में न निकलें बाहर, ज्यादा देर खाली पेट ना रहें 10 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति स
0 धूप में न निकलें बाहर, ज्यादा देर खाली पेट ना रहें
10 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल रही लू
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में 2500 के पार हो गई ओपीडी जागरण संवाददाता, करनाल
गत दिन तक 40 डिग्री सेल्सियस तक चल रहा तापमान रविवार को 41 डिग्री पर पहुंच गया। लू भी 10 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। भीषण गर्मी के कारण लोग बेहाल हैं। सड़कों पर दोपहर के समय सड़कें सुनसान हो जाती हैं। अधिकतम के साथ-साथ न्यूनतम तापमान भी बढ़ रहा है। इस मौसम में बीमारियां भी बढ़ गई हैं। इस समय वायरल, उल्टी-दस्त व स्किन के रोगी सामने आ रहे हैं। ऐसे में डाक्टर गर्मी के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में ओपीडी 2500 के पार हो गई है। नागरिक अस्पताल में भी पिछले 10 दिनों में ओपीडी 700 से बढ़कर 950 तक आ गई है। गर्मी व लू से बचने के लिए लोगों को तरल पदार्थ का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं।
रविवार को अधिकतम तापमान 41.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान भी बढ़कर 24.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। गर्मी में मौसम पूरी तरह शुष्क हो गया है। सुबह के समय नमी की मात्रा 42 फीसद दर्ज की गई जो शाम को घटकर महज 12 फीसद रह गई। हवा का दबाव 10.6 फीसद से घटकर 8.5 फीसद रह गई। हवा 6.5 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार से चली। लू 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। सावधानी बरतें, लग सकती है लू
नागरिक अस्पताल में फिजीशियन डॉ. संजीव ग्रोवर के मुताबिक इस समय जो मौसम चल रहा है उसमें सावधानी बरतने की जरूरत है। लापरवाही में लू भी लग सकती है। यदि चक्कर आने लगते हैं, सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न होने लगती है, नब्ज की गति बढ़ जाती है, तीव्र सिर दर्द, बदन दर्द और शरीर में कमजोरी का अहसास होने लगता है, उल्टियां भी आ सकती हैं तो यह लू लगने के लक्षण हो सकते हैं। शरीर में पसीना नहीं आता और त्वचा खुश्क हो जाती है। कई बार लू से पीड़ित व्यक्ति बेहोश हो जाता है। समय-समय पर पिएं पानी
गर्मी में ज्यादा समय खाली पेट न रहें। जब भी घर से बाहर निकलना हो भरपेट भोजन करके निकलना चाहिए। गर्मी अधिक होने के कारण एनर्जी जल्द कम हो जाती हैं। शरीर में पसीना अधिक आने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। अब यदि पानी की आपूर्ति न हो तो शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाएगा। पसीना शरीर के तापमान को नियंत्रित कर लू से बचाव करता है। इसी प्रकार शीतल जल अमृत समान हैं। घर से निकलने से पहले खूब पानी पिएं, जिससेकि शरीर में उसकी कमी न रहे। पानी के अतिरिक्त इस मौसम में शरबत, गन्ने का रस, लस्सी का भी सेवन करना चाहिए। पानी व रेशा प्रधान तरावट देने वाले फलों का सेवन करना चाहिए। खुले व हवादार सूती कपड़े पहनें
गर्मी में खुले, हवादार व सूती कपड़े पहनें। घर से बाहर निकल रहे हैं तो कोशिश यही करें कि आंखों पर सनग्लास हो यह धूप से राहत और आंखों को ठंडक देगा। दोपहिया वाहन चलाना हो तो सिर पर हैल्मेट या टोपी पहनें। लू के थपेड़ों से बचने के लिए कान को कपड़े से ढक लें।
अभी राहत के आसार नहीं
मौसम विभाग की मानें तो अभी गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं। मई माह पूरा गर्मी में बीतेगा। जून माह में मौसम करवट ले सकता है।