प्रणब मुखर्जी से मिली सीख रहेगी जीवन भर साथ-गूगल ब्वॉय कौटिल्य
अश्विनी शर्मा करनाल पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी मानते थे कि किसी भी चीज को शिद्दत से
अश्विनी शर्मा, करनाल
पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी मानते थे कि किसी भी चीज को शिद्दत से पाने की कोशिश करो तो वह आपको अवश्य मिलती है। यह सीख उन्होंने गूगल ब्वॉय कौटिल्य पंडित को भी दी थी। पिछले साल जनवरी में कौटिल्य पंडित ने दिल्ली स्थित उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। करीब आधे घंटे की मुलाकात में पूर्व राष्ट्रपति ने गूगल ब्वॉय को जीवन में सफल होने के टिप्स दिए। उनसे हुई मुलाकात को याद करके कौटिल्य पंडित खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। उनका कहना है कि उनसे मिली सीख जीवन भर साथ चलेगी। कौटिल्य पंडित ने उनसे हुई मुलाकात को याद करते हुए दैनिक जागरण को बताया कि वर्ष 2013 में जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे तो उनका प्रशंसा पत्र घर आया था। इसे आज भी दीवार पर टांग कर रखा हुआ है। वह उनसे मिलने की चाहत रखता था। यह चाहत जनवरी 2019 में पूरी हुई, जब वह अपने परिवार के साथ दिल्ली स्थित उनके आवास पर गया था। जब उन्होंने मुझे देखा तो सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और कहा कि अपनी सेहत का ध्यान रखो करो। उन्होंने एक वरिष्ठ अभिभावक के तौर पर उनसे बातचीत की और मार्गदर्शन किया। उन्होंने मुझे कहा कि छात्र को अपना जीवन सामान्य तरीके से व्यतीत करना चाहिए। लेकिन सोच हमेशा ऊंची रखनी चाहिए। जीवन में ऐसी कोई चीज नहीं है, जिसे पाने के लिए आप शिद्दत से प्रयास करो और वह आपको नहीं मिले। गूगल ब्वॉय ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने मुझे सलाह दी कि महापुरुषों की जीवनी जरूर पढ़ें। उनकी सफलता व असफलताओं को जानें। फिर उनका निचोड़ निकालकर अपना रास्ता खुद चुनें और बहुत सोच-समझकर यह तय करें कि जीवन में किस पथ पर आगे बढ़ना है।
फोटो---43 नंबर है।
पिछले साल करनाल आए थे प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पिछले साल करनाल आए थे। वह बाबा रामदास विद्यापीठ में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों से रूबरू हुए थे। इस दौरान उन्होंने छात्र जीवन की यादें विद्यार्थियों के साथ सांझा की थी। इसी समारोह में सांसद संजय भाटिया ने भी भाग लिया था। इस समारोह को याद करते हुए सांसद ने कहा कि इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का उद्बोधन आज भी मुझे ऊर्जा प्रदान करता है। जनप्रतिनिधि के रूप उनका सार्वजनिक जीवन अनुकरणीय है। ऐसे जीवट व्यक्तित्व के स्वामी का चले जाना अपूर्णनीय क्षति है।