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स्कूल की तस्वीर बदलकर सुंदरता में बनाया अव्वल

अश्रि्वनी शर्मा, करनाल करीब डेढ़ साल पहले राजकीय प्राथमिक पाठशाला पंजोखरा के हालात बदतर

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 12:40 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 12:40 AM (IST)
स्कूल की तस्वीर बदलकर सुंदरता में बनाया अव्वल
स्कूल की तस्वीर बदलकर सुंदरता में बनाया अव्वल

अश्रि्वनी शर्मा, करनाल

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करीब डेढ़ साल पहले राजकीय प्राथमिक पाठशाला पंजोखरा के हालात बदतर थे। इसकी काली दीवारें व जगह-जगह जमी काई देखकर मन विचलित होता था। ऐसा लगता था कि इस स्थान पर कोई एकाग्रचित होकर कैसे पढ़ सकेगा, लेकिन एक शिक्षक की लगन व लगातार प्रयासों के चलते विद्यालय ने मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यकरण योजना के तहत इंद्री खंड में पहला स्थान हासिल किया है। अब जिले में प्रथम स्थान पाने की रेस में भी शामिल है। 17 जनवरी को जिला स्तरीय सौंदर्यकरण प्रतियोगिता का निरीक्षण हो चुका है और जल्द ही परिणाम आने वाला है। अलबत्ता कम समय में विद्यालय की इतनी काया बदलने पर मान ¨सह अध्यापक समाज में एक उदाहरण की तरह सामने आए हैं।

डेढ़ साल पहले ही ज्वाइन किया था पंजोखरा स्कूल

मान ¨सह मूल तौर पर इंद्री खंड के ही गांव मानक माजरा गादियान के निवासी है। वर्ष 2011 में उन्होंने बतौर जेबीटी शिक्षक शिक्षा विभाग में सेवाएं देनी शुरू की थी। कादराबाद गांव का राजकीय प्राथमिक पाठशाला में करीब छह साल तक कार्य करने के बाद सितंबर 2016 में उनका तबादला पंजोखरा गांव के राजकीय प्राइमरी स्कूल में हुआ था।

पहले ये थे हालात

गांव के विद्यालय के भवन की हालत खस्ता थी। दीवारें धूल-मिट्टी की वजह से काली हो चुकी थी। जगह-जगह काई जमी थी। पेड़ व पौधों के नाम पर एक क्यारी भी नहीं थी। पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी। शौचालयों की स्थिति खराब थी। मिड-डे-मील बनाने का समुचित प्रबंध नहीं था।

अब पहचान में नहीं आता विद्यालय

विद्यालय का डेढ़ साल पहले का बदसूरत प्रांगण अब फूल और पौधों से महक रहा है। मिड-डे-मील बनाने की व्यवस्था दुरुस्त हो चुकी है। भोजन के लिए खास बैंच बनाए गए हैं। प्रार्थना करने के बाद बच्चे दोपहर को खाना खाते हैं। पेयजल व्यवस्था के लिए भूमिगत पाइन लाइन बिछाई गई है। दीवारों व कमरों में पंचायत के सहयोग से साज-सज्जा कराई गई। स्लोगन, शिक्षण कार्य सामग्री के साथ ही महान पुरुषों की तस्वीर दीवारों पर उकेरी गई।

स्कूल का अपना ड्रेस कोड, अंग्रेजी में करते बच्चे प्रार्थना

इस प्राथमिक पाठशाला के बच्चों को किसी निजी विद्यालय की तरह शिक्षा दी जा रही है। मान ¨सह के प्रयासों से इस सरकारी विद्यालय का ड्रेस कोड लागू हुआ। बच्चे ड्रेस में ब्लैक पेंट, यलो रेट चेक शर्ट, लाल रंग का स्वेटर, टाई व बैल्ट पहनकर विद्यालय आते हैं। पहले अंग्रेजी और फिर ¨हदी में प्रार्थना होती है। मान ¨सह का कहना है कि विद्यालय की कायापलट करने में सरपंच व ग्रामीणों का पूरा सहयोग रहा है। इस वजह से ही विद्यालय खंड स्तर पर प्रथम स्थान पर रहा है। इसके साथ ही विद्यालय में पंचायत के सहयोग से जल्द ही सोलर पैनल लगवाया जाएगा और कंप्यूटर भी लिया जाएगा।


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