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Karnal News: अदालत ने दुष्कर्म के मामले में दोषी को सुनाई 20 साल की सजा

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेणु राणा ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म व अपहरण के मामले में दोषी युवक को 20 साल के कारावास की सजा व 25 हजार रुपये जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को छह माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Fri, 03 Feb 2023 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 09:21 PM (IST)
अदालत ने दुष्कर्म के मामले में दोषी को सुनाई 20 साल की सजा

करनाल, जागरण संवाददाता : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेणु राणा ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म व अपहरण के मामले में दोषी युवक को 20 साल के कारावास की सजा व 25 हजार रुपये जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को छह माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा।

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इसके अलावा अपहरण के मामले में अदालत ने युवक को दोषी मानते हुए चार साल की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर युवक को दो महीने अतिरक्त सजा काटनी होगी।

15 साल की लड़की को पहले किया बेहोश, फिर ले गया था साथ

छह मार्च 2019 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए 15 वर्षीय लड़की के पिता ने बताया था कि उसकी बेटी रात्रि के समय से घर से गायब है। काफी कोशिशों के बाद भी लड़की का कोई सुराग नहीं लगा। जिस लड़के पर उन्हें शक था। वह युवक डाचर गांव निवासी गुरमीत भी घर से गायब था। पुलिस ने इस संबंध में छानबीन कर लड़की को बरामद कर लिया था। लड़की ने अपने बयान में बताया कि गुरमीत ने अपनी जेब से रूमाल निकालकर उसके मुंह पर रख दिया।

इस वजह से वह बेहोश हो गई और वह उसे अपने साथ ले गया। लड़की ने यह भी बताया कि ने पिस्तौल के बल पर डरा-धमका उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ पर आरोपित के घर से अनाज की टंकी से देसी कट्टा भी बरामद कर लिया गया था। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।

अदालत में गवाहों और सबूतों को मजबूती से किया पेश

जिला न्यायवादी डा. पंकज ने बताया कि इस मामले की पैरवी करते हुए अदालत में गवाहों और सबूतों को मजबूती से पेश किया गया ताकि आरोपितों को अधिक से अधिक सजा मिल सके। सबूतों और गवाहों को देखते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेणु राणा ने फैसला सुनाते हुए दोषी गुरमीत को दुष्कर्म के मामले 20 साल का कारावास व 25 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। अपहरण के मामले में अदालत ने युवक को दोषी मानते हुए चार साल की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।

दोषियों को सलाखों के पीछे आना ही पड़ता है 

जिला न्यायवादी डा. पंकज ने बताया कि सरकार के आदेशों के मुताबिक गंभीर मामलों में दोषियों को अधिक से अधिक सजा दिलाने का प्रयास रहता है। बीते मामलों में भी दोषियों को लंबी सजा करवाई गई है। अदालत में गवाहों एवं सबूतों को मजबूती से पेश किया जाता है, ताकि दोषी बच के निकल ना पाए। दोषियों को सजा मिलने से समाज में भी संदेश जाता है कि अपराधी गतिविधियों में संलिप्त होने से दोषी बच नहीं सकता और आखिर में उसे जेल की सलाखों के पीछे आना ही पड़ता है।


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