Karnal News: अब देश में प्रति पशु दुग्ध उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य- डा. धीर सिंह
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान अपनी स्थापना के सौवें वर्ष में विविध क्षेत्रों में रिसर्च कर रहा है। देश में दुग्ध उत्पादन वर्तमान में 6.2 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ अपने सर्वोच्च स्तर यानि 210 मिलियन टन पर है। (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, करनाल: राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान अपनी स्थापना के सौवें वर्ष में विविध क्षेत्रों में रिसर्च कर रहा है। इसके तहत अच्छी दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओं की उत्पादन बढ़ाने पर फोकस है। देश में दुग्ध उत्पादन वर्तमान में 6.2 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ अपने सर्वोच्च स्तर यानि 210 मिलियन टन पर है। बेहतर नस्ल के पशुओं की उत्पादन दर में एक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
जल्द ही बनेगा सीमेन का परीक्षण व वितरण केंद्र
अब इसे बढ़ाने के लिए संस्थान तेजी से काम कर रहा है। वहीं नई शिक्षा नीति के अनुरूप संस्थान आइवीएफ, क्लोन तकनीक और अन्य रिसर्च का सिलसिला बढ़ाने के लिए पशु विज्ञान में विभिन्न प्रकार के नए कोर्स उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा गाय व भैंस के साथ अब बकरी, याक, गधी, ऊंट, मिथुन जैसे अन्य दुधारू पशुओं के दूध में मौजूद स्वास्थ्यवर्द्धक और पोषक तत्वों की मदद से नए उत्पाद तैयार हाेंगे। संस्थान में जल्द ही अच्छी गुणवत्ता के सीमेन का परीक्षण व वितरण केंद्र भी बनने जा रहा है।
अन्य संस्थान भी अपना रहे रिसर्च
सोमवार को निदेशक डा. धीर सिंह ने इस पर विस्तृत जानकारी सांझा करते हुए बताया कि अच्छी दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओं की संख्या में वृद्धि के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाया गया है। क्लोनिंग व इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसी तकनीकों में एनडीआरआइ पहले से अग्रणी है। पूर्व निदेशक डा. एमएस चौहान की ओर से क्लोनिंग पर की गई रिसर्च आज देश के तीस संस्थान अपना रहे हैं।
और भी बेहतर बनेगा मानव स्वास्थ्य
देश में दुग्ध उत्पादन बहुत अच्छा है मगर प्रति पशु दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार देसी पशुओं में अब गाय व भैंस के अलावा अन्य दुधारू पशुओं पर अनुसंधान किया जा रहा है ताकि उनके दूध में मौजूद स्वास्थ्यवर्द्धक व पोषक तत्वों की मदद से मानव स्वास्थ्य और बेहतर बनाया जा सके। दुधारू पशुओं में संक्रमण रोकने के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए अन्य संस्थानों के नेटवर्क की मदद से अपेक्षित परिणाम निकाले जाएंगे।